गुरुवार, 23 अगस्त 2012

गजलक इस्कूल भाग-60

पढतै लिखतै बौआ डाक्टर बनतै
· · · 20 July at 21:59 via Mobile
    • Ashish Anchinhar ‎2222222222
      20 July at 22:01 via Mobile · · 2
    • Rajeev Ranjan Mishra पढतै लिखतै बौआ डाक्टर बनतै
      माय बाबुक कष्ट निवारक बनतै

      दिन पलटतय हमरो सबहक
      घर परिवारक ओ पालक बनतै

      लक्षण करम एकर लागैत अछि
      बौआ एक दिन कुलतारक बनतै

      मोनक हमरो सुनथिन भगवान
      बौआ सब रुपे ध्वजबाहक बनतै

      माय बहिन खानदानक पुरतय
      बौआ सौंसे गामक उद्धारक बनतै

      बढ़तय दिन दुना राति चारिगुन्ना
      ओ संकट मोचक निस्तारक बनतै
      21 July at 04:45 · · 3
    • Rajeev Ranjan Mishra पढतै लिखतै बौआ डाक्टर बनतै
      पढी लिखि क बौआ कलक्टर बनतै

      खेलय कूदय बौआ बर होशगर
      पैघ हेतय तह क्रिकेटर बनतै

      बजय भूकय में एखने तेजगर
      देखिहनि बरका भ एक्टर बनतै

      हँसेय गाबय मटकि मटकि कए
      फ़िल्मक कोनोह डायरेक्टर बनतै

      लागल रहतै बौआ मेहनतगर
      तहने तह जिन्गीक चेप्टर बनतै

      उलटि परैय जंह सोचल तहन
      मानि चलय लूज करेक्टर बनतै
      21 July at 09:17 · · 1
    • Amit Mishra पढ़तै लिखतै बौआ डाँक्टर बनतै
      गामे गामे सबहक सेबा करतै

      रोगसँ लड़तै रोगी हँसतै गेतै
      एकर नामसँ सबटा रोगो डरतै

      अपनो बोखारक चिन्ता नै करतै
      फर्जी डाँक्टर के चोरी नै चलतै

      नामी लोकक किछु कहलो नै करतै
      कमजोरो के ओ भैयारी बुझतै

      टाका के लोभी कहियो नै बनतै
      आशीर्वादे टा के इच्छा रहतै

      मिथिला माँ के मैथिल बेटा छी ने
      संकट हटतै दुश्मन संगे लड़तै

      दस टा दीर्घ
      21 July at 09:50 via Mobile · · 1
    • Rajeev Ranjan Mishra पढ़तै लिखतै बौआ डाँक्टर बनतै
      गामे गामे सबहक सेबा करतै....amit jee ahi me kafiya ki bhel aa radeef ki bhel??
      21 July at 09:55 · · 1
    • Amit Mishra एहि मे रदीफ नै अछि आ काफिया अछि ।
      तुकान्त अछि "अतै"
    • Ashish Anchinhar बिना रदीफक गजल सेहो होइत छै । मुदा बिना काफियाक गजल संभव नै।
    • Ashish Anchinhar ona rajeev jeek p\ryas bahut neek.
    • Rajeev Ranjan Mishra hamar abhipray tark karbak nahi muda janay chahab je hum kahan tak pahunchal aa dosh katta achi....aagrah je farichha ka bujhabi...
      21 July at 10:07 · Edited · · 2
    • Ashish Anchinhar बिना तर्क केने भाइ केओ किछु बुझिए ने सकैए भाइ। ओना एखन किछु कसरि अछि। आस्ते आस्ते कने आर आगू अबिऔ।.
      21 July at 10:09 · Edited · · 1
    • Rajeev Ranjan Mishra jarur....prayas rakhab ...tahan aagrah rahat je hum post karab jari rakhab aar apne lokani uchit margdarshan karait rahi nahin ta dikkat hoyat!!
      21 July at 10:11 · · 2
    • Rajeev Ranjan Mishra हम घाट घाट के जानि रहल
      हम राह बाट ठेकानि रहल

      सबतरि लोक बेहाल छलय
      बस सब के सब कानि रहल

      लोक प्रकृति संग खेल करय
      झरकत से नहि जानि रहल

      डाढल अछि लोक समाज ऐना
      दिन राति कोनाहूँ गानि रहल

      ऐंठल जून्नी सन बात करय
      ककरो कहल नै मानि रहल

      संज्ञान लियह सब मिलि मीता
      ज्ञानी सब याह हकानि रहल

      (सरल वार्णिक बहर, वर्ण- १२)
    • Rajeev Ranjan Mishra ahi per kichu sujhaw del jay ashish bhay halaki hum trak sa hati ka kaj kai...
    • Ashish Anchinhar नीक राजीव भाइ। काफियाक प्रयोग सटीक अछि।.
      21 July at 10:13 · · 2
    • Rajeev Ranjan Mishra galat ki achi seho btail jau bhay
    • Ashish Anchinhar एखन धरि ऐमे गलती नै भेटल अछि। भेटिते जरूर कहब।.
      21 July at 10:15 · · 1
    • Rajeev Ranjan Mishra बाल गजल

      पढि लिखि कए बौआ बाहर रहतै
      सत बाबा के कहल आखर रहतै

      दिन पलटतय हमरो सबहक
      भरल घर नोकर चाकर रहतै

      लक्षण करम एकर लागैत अछि
      बौआ सबतरि भए धाकर रहतै

      मोनक हमरो सुनथिन भगवान
      करेज अपन भए चाकर रहतै

      माय बहिन खानदानक पुरतय
      बौआ सबहक लेल सागर रहतै

      बढ़तय दिन दुना राति चारिगुन्ना
      भरल नित बौआक गागर रहतै

      (सरल वार्णिक बहर, वर्ण- १४ )
      ahi per kichu kahi bhay,,,,hum tang karab kichu din....
      21 July at 10:18 · · 4
    • Rajeev Ranjan Mishra aashish bhay....uper tippani me del rachna per vicharak bat johab hum....
    • Ashish Anchinhar phine san bhut besi neek bhel ja rhal achi... anhak gajl sabh rajeev bahi...
      21 July at 10:31 · · 1

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