बाल गजल
चार पर छै कौआ बैसल,
माँझ अँगना बौआ बैसल ।
घुट-घुट खाथि दूध-भात,
मायक कोरा बौआ बैसल ।
राजा-रानी सुनथि पिहानी,
मइयाँ कोरा बौआ बैसल ।
ओ-ना-मा-सी सिखथि-पढ़थि,
बाबाक कोरा बौआ बैसल ।
सुग्गा-मेना संग खेलै छथि,
"चंदन" अँगना बौआ बैसल ।
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