आई काल्हि तँ राजनीतिक बाजार बहुत गर्म अछि
देखू नेता सभहँक हाल बनल बड्ड बेशर्म अछि
चानन टिका लगा कs ओ बनल बडका-बडका भक्त
नहि पुछू एहि संसार में केने कतेक कुकर्म अछि
जए अछि कर्मयोद्धा धीर बीर, ओ बजैत नहि अछि
चुप्प भs करैत सदिखन अपन-अपन कर्म अछि
भैय्यारी आ सद्भावना इ तँ सबसँ बड़का प्रेम अछि
जे लडाबए एक दोसर सँ ओ नहि कोनो धर्म अछि
हम छी मैथिल, आ नहि कोनो आन हमर धर्म अछि
सपनो में एकरा त्यागि,सबसँ बडका अधर्म अछि
- - - - - - - - -- - वर्ण-२० - - - - - - - -
जगदानन्द झा 'मनु'
देखू नेता सभहँक हाल बनल बड्ड बेशर्म अछि
चानन टिका लगा कs ओ बनल बडका-बडका भक्त
नहि पुछू एहि संसार में केने कतेक कुकर्म अछि
जए अछि कर्मयोद्धा धीर बीर, ओ बजैत नहि अछि
चुप्प भs करैत सदिखन अपन-अपन कर्म अछि
भैय्यारी आ सद्भावना इ तँ सबसँ बड़का प्रेम अछि
जे लडाबए एक दोसर सँ ओ नहि कोनो धर्म अछि
हम छी मैथिल, आ नहि कोनो आन हमर धर्म अछि
सपनो में एकरा त्यागि,सबसँ बडका अधर्म अछि
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जगदानन्द झा 'मनु'
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