शनिवार, 3 मार्च 2012

गजलक इस्कूल भाग-21

एक मिसरा दय रहल छी | एकरा ग़ज़ल मे परिवर्तित करबाक अनुरोध अछि :

"देखि दुनियाक रंग हम दंग रहि गेलहु"

वर्ण - १७ — at Noida, Uttar Pradesh
· · · 4 hours ago
    • Navin Thakur aanhu ke aashish ji bala rog dh lelek ki ? hahahahaaaa...
      4 hours ago · · 2
    • Ashish Anchinhar सभसँ पहिने हम मिहिर भाइसँ अनुरोध करबन्हि जे मैथिलीमे नुक्ताक प्रयोग नै होइत छै। तँए मैथिलीमे खाली "गजल" लिखल जाए। ग़ज़ल लिखब गलत छै मैथिली भाषाक हिसाबें।...
      4 hours ago · · 4
    • Navin Thakur he dekhiyo master shab nuskha bataelaith ........
      4 hours ago · · 2
    • Ashish Anchinhar Navin Thakur-------इ तँ एखन शुरूआत छै नवीन जी आ एखनेसँ अहाँ घबड़ा गेलहुँ। हम तँ पाँच सालमे एहन बना देबै जे आदमी गजल नै लिखतै तकरा लेखक मानले नै जेतै। कने दम्म तँ धरू।.......
      4 hours ago · · 3
    • Navin Thakur बहुत बढ़िया बात ...मुदा एतेक अतिशय नै क देबे जे लोक सब जेना कवि स पराई छै ..कालिह ...गजल स परेनाय सुरु क दै !
      4 hours ago ·
    • Navin Thakur गजल के एगो अपन अलग स्थान छै ........एकर बारीकी के बुझ्नाय सबहक बसक नै छै .......आ सब पर अपन विचार लादियो नै सकैत छि ...नै त एकर महत्वो घटत आ रसो !
      4 hours ago ·
    • Ashish Anchinhar जकरा गजलमे दम्म रहतै ओकरासँ लोक कहियो नै पड़ेतै। हँ ओहन लोक जिनकर गजल खाली उर्दू-हिन्दी आदि बला शब्दसँ भरल रहतै, जाहि गजलमे व्याकरणक निअमकेँ पालन नै हेतै ओहि गजलसँ तँ लोक भगबे करतै। आ से पाँच साल बाद किएक लोक तँ घटिया गजलसँ आइयो भागै छै। एही ग्रुप पर देखू बढ़िया गजलपर लोक कमेन्ट दै छै आ घटियापर नै।...
      4 hours ago · · 2
    • Ashish Anchinhar जिनका बारीकी बुझबाक फुरसति नै छन्हि हुनकासँ आग्रह जे ओ गजल नै लिखथि। ओ कथा-कविता आर आन-आन चीज लिखथि। जँ ओ कथा-कविता नीक लिखता तँ लोक नीक कहबे करतन्हि। जरूरी नै छै जे गजल लिखले जाए। मुदा जँ ओ गजल लिखए चाहै छथि तँ बारिकी बूझए पड़तन्हि आ से बलजोड़ी।...
      4 hours ago · · 5
    • Amit Mishra देखि दुनियाक रंग हम दंग रहि गेलहु"
      नीक नहियों लागल रंग तौयो सहि गेलहु

      बान्ह सँ बाहर निकलैत नवका पानि छलै
      टुटल नाव त संघ छल तैयो दहि गेलहु
      4 hours ago · · 6
    • मिहिर झा vah amit ji
      4 hours ago · · 4
    • Ashish Anchinhar Amit Mishra*---वाह
      4 hours ago · · 3
    • मिहिर झा देखि दुनियाक रंग हम दंग रहि गेलहु
      पढल लोक के बीच अवढंग रहि गेलहु
      4 hours ago · · 6
    • Amit Mishra ताकत अछि एते चिर देब पहाड़क सीना
      दुनियाँक विकराल रूप देख ढहि गेलहु
      4 hours ago · · 5
    • Amit Mishra सगरो भूख गरीबी दर्द सँ ग्रसित छै सब
      आ हम ए.सी मे रहितो रौद सँ डहि गेलहु
      4 hours ago · · 5
    • मिहिर झा बिसरल जे बात व्यवहार देश के अपन
      गाम वापस आबि नंग धड़ंग रहि गेलहु
      4 hours ago · · 5
    • Shiv Kumar Jha ati-sunner MIhir jee,ONA AMIT SEHO NEEK LIKH RAHAL CHHATHI,,,UDYANAK GAAMAK AMIT APAN DARSHANAK LAAJ RAKHATHI..ADBHUT.
      3 hours ago · · 4
    • Amit Mishra गजल

      देखि दुनियाक रंग हम दंग रहि गेलहु"
      नीक नहियों लागल रंग तौयो सहि गेलहु

      बान्ह सँ बाहर निकलैत नवका पानि छलै
      टुटल नाव तs संघ छल तैयो दहि गेलहु

      ताकत अछि एते चिर देब पहाड़क सीना
      दुनियाँक विकराल रूप देख ढहि गेलहु

      सगरो भूख गरीबी दर्द सँ ग्रसित छै सब
      आ हम ए.सी मे रहितो रौद सँ डहि गेलहु

      पैघ हेबाक होर मे इज्जत सब बिसरलै
      'अमित " जाग आबो तs अपने सँ कहि गेलहु

      अमित मिश्र
      3 hours ago · · 6
    • मिहिर झा Bahut sundar Amit Ji .
      3 hours ago · · 5
    • Navin Thakur खाऊ खूब पेट भैर - भैर ..जहनपेट भैर जा आ फाट लागा त चिखनाय सुरु करब ...!
      3 hours ago · · 2
    • Ashish Anchinhar Navin Thakur---आब किनको हाथमे दर्द आ मूँहमे दिबाड़ लागल होइन्ह तँ ओ नीको भोजन केना कए सकैत छथि। आ एहन स्थितिमे जखन की लोक देखै छै जे दोसर लोक नीक-निकुत खा रहल अछि आ हम भुखले बैसल छी तखन जे पेटमे दर्द उठै छै से........जुनि पुछू।..
      3 hours ago · · 2
    • मिहिर झा नवीन भाई, ई मिथिला छियैक | एतय पेट फटला सों आइ धरी कोई ने मरलै |
      3 hours ago · · 3
    • Navin Thakur kaahu aa khub dandannu ....bhagwaan karaith enahite ...khat rahi aa dandait rahi .hamar subhkamna achhi !
      about an hour ago · · 4

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों