बात कि भेल एकबेर, बढिते चलि गेलइ,
सिनेहक ताग सँ सम्बंध सजिते चलि गेलइ
रहि सचेत त' मुदा, बुझलौं नइ ई मरम,
अनचिन्हार ओ' कहिया, मनमीत बनि गेलइ
छल नहि ज्ञात हमरा कोनो रीति-प्रीत केर,
फेर कहिया, अरे केना ई प्रीत भ' गेलइ
जे भेलै, जेना भेलै, बात छोड़ ने "चंदन"
बिनु सूर-ताल के जीनगी त' संगीत भ' गेलइ
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