अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शुक्रवार, 2 मार्च 2012
गजल
खूर देलखिन्ह ओ
सोधि लेलखिन्ह ओ
देख मोका नीक सँ
चाभि पेलखिन्ह ओ
माय-बेटा के देखू
फूट केलखिन्ह ओ
नीक-नीक साडी में
फीट भेलखिन्ह ओ
गाम-गाम घूमी क
नाम केलखिन्ह ओ
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-७)
जगदानन्द झा 'मनु' : गजल संख्या-२५
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