हरहोर भेलै, बड़ शोर भेलै,
सजलै बरात, मटकोर भैलै ।
मरबा सजलै, पिपही बजलै,
नटुआ केर नाच बेजोर भलै ।
जे भोग छेलइ, भरि पोख छेलै,
तीमन तरुआ, तिलकोर भेलै ।
हम बैसल छी, अनहरिये मे,
जे चान छेलइ, से चकोर भेलै ।
"चंदन" हिय हर्ष उफनइ छै,
जौँ कूदल आँखि सँतऽ नोर भेलै ।
-----वर्ण-१२--------
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