बुधवार, 14 मार्च 2012

गजल


हरहोर भेलै, बड़ शोर भेलै,

सजलै बरात, मटकोर भैलै ।


मरबा सजलै, पिपही बजलै,


नटुआ केर नाच बेजोर भलै ।


जे भोग छेलइ, भरि पोख छेलै,


तीमन तरुआ, तिलकोर भेलै ।


हम बैसल छी, अनहरिये मे,


जे चान छेलइ, से चकोर भेलै ।


"चंदन" हिय हर्ष उफनइ छै,


जौँ कूदल आँखि सँतऽ नोर भेलै ।


-----वर्ण-१२--------

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों