स्वर्गक नाम जपैत सगरे नर्क पसरल छै
साधुक भेष धरि सगरे रावण अभरल छै
सब छे घिचने लक्ष्मण रेखा अपन चारू कात
लंका दहन केर नाम पर सब ससरल छै
रूप गेलै बदलि जमाना संग बानरोक आब
हनुमानक स्थान पर आब मारीच भरल छै
नियमबद्ध होएब लगै आब करैला सों तीत
एहि बात पर सगरे आब आगि धधकल छै
- मुखपृष्ठ
- अनचिन्हार आखरक परिचय
- गजल शास्त्र आलेख
- हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
- भजनपर गजलक प्रभाव
- अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
- समीक्षा/आलोचना/समालोचना
- गजल सम्मान
- गजलकार परिचय शृखंला
- गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
- विश्व गजलकार परिचय शृखंला
- छंद शास्त्र
- कापीराइट सूचना
- अपने एना अपने मूँह
- गजलक इस्कूल
- गजलकार
- अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
- आन-लाइन मोशायरा
- आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
- मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
- Maithili Ghazal Books Download
- शेर जे सभ दिन शेर रहतै
बुधवार, 28 मार्च 2012
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें