टूटिए जेतै संबंध जँ दस लेल एक सँ , इहो स्वीकार अछि ,
भीड़ मे जीबै छी तेँ भीड़ के बचेनाइ हमर अछिकार अछि ,
सबल त' बढ़बे करतै ओकरा संग दिअ जे लचार अछि ,
एक दाम मे बिकै बला ककरो जिनगी नै मीना बजार अछि ,
अहाँ एक बेर आबू हम दस बेर , इ हमर व्यबहार अछि ,
"अमित" गिनती के फेरा मे नै पड़ू , सगरो अपने संसार अछि . . . । ।
अमित मिश्र
भीड़ मे जीबै छी तेँ भीड़ के बचेनाइ हमर अछिकार अछि ,
हम बनियाँ छी सए कमा लेब , दस छुटि गेल कोनो दुख नै ,
सबल त' बढ़बे करतै ओकरा संग दिअ जे लचार अछि ,
माछक लोभ मे सड़ल माछ ल दुषित नै करब समाज के .
एक दाम मे बिकै बला ककरो जिनगी नै मीना बजार अछि ,
सब के सब सँ किछु-ने- किछु चाहत रहै छै छोट बाट पर ,
अहाँ एक बेर आबू हम दस बेर , इ हमर व्यबहार अछि ,
लड़ाइ क' देह जुनि तोड़ै जाउ , प्रेम क' दिल धरि पहुँचु यौ ,
"अमित" गिनती के फेरा मे नै पड़ू , सगरो अपने संसार अछि . . . । ।
वर्ण-23
अमित मिश्र
Om Prakash Jha
जवाब देंहटाएंNeek.
Prabhat Ray Bhatt Uyfm
bad neek
Amit Mishra
ashish anchinhar jik likhal panti san
Ashish Anchinhar
सब के सब सँ किछु-ने- किछु चाहत रहै छै छोट बाट पर ,
अहाँ एक बेर आबू हम दस बेर , इ हमर व्यबहार अछि ,
वाहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह..
Chandan Jha
हम बनियाँ छी सए कमा लेब , दस छुटि गेल कोनो दुख नै ,
सबल त' बढ़बे करतै ओकरा संग दिअ जे लचार अछि ,
जगदानन्द झा 'मनु'
badd sunner, sarthak gajal achhi
Amit Mishra
dhanyawad
Ajay Thakur Mohan Ji
sundar amit ji
Umesh Mandal
''माछक लोभ मे सड़ल माछ ल दुषित नै करब समाज के .
एक दाम मे बिकै बला ककरो जिनगी नै मीना बजार अछि'' सुन्दर अभिव्यक्ति....
Pankaj Chaudhary
Neek rachna aichh..!
Durgesh Kumar Jha
BAHUT SUNDAR GAJAL