बाल गजल
-----वर्ण-१३-----
कुकरुकू जखन मुरगा बाजल,
किरिण सुरूजक मूँह मेँ लागल ।
कौआ डकलक कोइली बाजल,
आँखि मिड़ैते चुनमुन जागल ।
नहा-सोना के कयलनि जलखै,
इसकुल गेलथि घंटी बाजल
दीदीजी बड्ड नीक लगैत छन्हि,
मास्टर जी के छड़ी लय भागल ।
कान पकड़ि के उठक-बैठक,
तैयो खेले पर मोन छै टाँगल ।
"चंदन" टन-टन घंटी बजलै ,
छुट्टी भेलइ घर दिस भागल
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