करेजक घर तँ खोलू कने
सिनेहक ताग जोरू कने ।
अहिँक हिय-बीच चाही बसै,
जगह बसबाक छोड़ू कने ।
बनल बेरस हमर जीवने,
अहिमेँ नेहरस घोरू कने ।
करय फरियाद "चंदन" सुनू,
सजल संबंध जोरू कने ।
(ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ+ ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ+ ह्रस्व-दीर्घ)
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