शुक्रवार, 2 मार्च 2012

गजलक इस्कूल भाग-14

एकटा मिसरा दऽ रहल छी। अपने सब सँ अनुरोध जे एकरा पूरा कएल जाउ।

जँ बात गडत करेज मे तँ जडियेबे करै छै।

फऊलुन (ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ)- ५ बेर
सरल वार्णिक बहर मे १८ वर्ण।
उपर देल दूनू बहर मे सँ कोनो मे लिख सकै छी। जे किओ सब सँ पहिने एकरा पूरा करताह, हुनका इ मिसरा सौंपि देल जेतन्हि गजल पूरा करबा लेल।
· · · 21 February at 16:11
    • Ashish Anchinhar जँ बात गड़त करेजमे तँ जड़िएबे करै छै....................................एहि बहर केर नाम भेल बहरे हजज दुहुम सलिम..
    • Ashish Anchinhar जाहि शेरक पाँतिमे खाली एकटा रुक्न हो तकरा "मुसना" कहल जाइत छै। दूटा रुक्नकेँ "मुरब्बा", तीन रुक्न बलाकेँ "मुसद्दस", चारि रुक्न बलाकेँ "मुसम्मन", पाँच रुक्न बलाकेँ "दुहुम" , छह रुक्न बलाकेँ "द्वाजदाह", सात रुक्न बलाकेँ "चहारदह" आ आठ रुक्न बलाकेँ "शाजदह" कहल जाइत छै।...
    • Pankaj Jha ‎"thek jaai chhai naak ta fariyebe karai chhai"....
    • Om Prakash Jha Ji Ashish Bhai. Dhanyvaad.
    • Om Prakash Jha Pankaj ji neek achhi. Muda varn sankhya 18 rakhiyo aa naagri lipi me type krbai ta ginti me suvidha hait.
    • Pankaj Jha Om Prakash Jha sir hum ta aahina likhi delau... hum kijaane geliyai varn aa vyakran fura gel taai likhanau... truti lel chhama aa margadarashan lel aabhar...
    • Pankaj Jha ठेक जाई छई नाक त फरियेबे करई छई ..... ee sayad 18 varn aaichh...
    • Ashish Anchinhar माफी चाहब एहि बहरक नाम भेल...बहरे मुतकारिब दुहुम सालिम। गलती लेल माफी।..
    • Ashish Anchinhar जखन ठेकि जाइ छै नाक तँ फरिएबे करै छै.......... @pankaj.... varn--18
    • Pankaj Jha hardik dhanyabaad bhai Ashish Anchinhar ji
    • Om Prakash Jha पंकज जी, हमरा हिसाबे जँ एना लिखियै तँ नीक लागत-
      जखन ठेक जाइ छै नाक तँ फरियेबे करै छै।
      (सरल वार्णिक बहर)
      या एना
      जखन नाक ठेकत तँ बात फरियेबे करै छै।
      (बहरे मुतकारिब)
    • Om Prakash Jha अमित मिश्रा जी ऐ पाँति केँ बहरे-मुतकारिब(ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ) मे पूरा करताह, इ उम्मेद करै छी।
    • मिहिर झा जँ बात गडत करेज मे तँ जडियेबे करै छै
      जँ आगि जरत करेज मे तँ धधकेबे करै छै
    • Om Prakash Jha मिहिर जी नीक अछि।
    • Ashish Anchinhar bhut neek mihir bhai..
    • मिहिर झा तामस अपन रोपि देल नोरे देलहु पटाय
      जँ प्रीत बढ़त समाज मे तँ गमक़ेबे करै छै
    • Ashish Anchinhar super sher mihir bhai..
    • Om Prakash Jha वाह ओस्ताद जमि रहल ए महफिल।
    • मिहिर झा करू काज ओतबय साहेब जतबय कहय
      जँ बेशी बनब काबिल ओ तँ हड़केबे करै छै
    • मिहिर झा कहिया तक बांचल रहॅब एहि धुरखेल मे
      जँ चढत कनसार मे ओ तँ करियेबे करै छै
    • Om Prakash Jha Neek jaa rahal chhi Mihir ji. Neek aachhi.
    • मिहिर झा करेज़क ई खेल औ मिहिर छैक नई आसान
      जँ बात चलत मधेश मे तँ उडियेबे करै छै
    • मिहिर झा Amit Mishra ji se aagrah je o ehi misara ke proyag kay alag neek gajal prastut karaith
    • Amit Mishra SIR JI , devnagri hamar browser nai paidh pabai yai . . . . . . . . .. . . ona kalhi ham padhwak kosis karb
    • Amit Mishra जँ बात गड़त करेज मे त' जड़ियेबे करै छै ,
      भिजल रूइया कए बोझहा भरियेबे करै छै ,

      जीवन दुखक सागर अछि सब केउ जानै छी ,
      हिम्मत राखू त' सुख फेर सँ सरियेबे करै छै ,

      क' लिअ कतबो झुठक खेती ,बेइमानी , डकैती ,
      भगवान घर मे त' हिसाब फरियेबे करै छै ,
      अनकर कन्हा पर बंदुक राखि चलाबै सब ,
      केउ नीक बात नै कहै ,सब गरियेबे करै छै ,

      बाप-दादा कए इज्जत निलाम जुनी करै जाउ ,
      सदिखन बदनाम लोक त' धुरियेबे करै छै ,

      जहिना गजल नीक लिखबाक कोशिश रहै छै ,
      "अमित" विद्वान लोक समाज ओरियेबे करै छै . . . । ।

      मिसरा कए जानकारी हमरा ठिक सँ नै भेल . हमर मित्र हमरा जे बतौलनि ओहि हिसाब सँ हम ओम प्रकाश जीक देल मिसरा लिखलौँ . . , ओकर अनुकरन करैत पुरा केलौँ । जौँ पहिल पाँति मे गलती हेतै ' क्षमा चाहब ।

      जौँ ऐ तरहक शेर केउ लिखने छी त' हम कोनो शेर नै पैढ़ पेलौँ . . . तेँ एकरा संयोग मानल जए । । ।

      अमित मिश्र
    • Om Prakash Jha Amit ji saral vaarnik bahar me neek gajal achhi. Aab ek ber Arabi bahar me likhbaak koshish karu. Ahaan likh sakay chhi.
    • Ashish Anchinhar Neek amit ji. Aab arabi bahar ke seho ddkhoo
    • Amit Mishra hamra lagu aa dirgh bujhba me dikkat hoe yai . . . . . . . . Apne sab san anurodh jan sambhav ho ta batabu
    • Om Prakash Jha Amit ji, Anchinhaar Aakhar blog par jau.
    • Ashish Anchinhar Kalhi bhor me samgri dait chee arbi bahar ke. Ona blog par gajal shasatra aalekh me bhetat
    • Amit Mishra mobile san ohi tham nai ja sakai chi
    • Ashish Anchinhar इ लेख अमित जी देखल जाए ..........
    • Ashish Anchinhar मात्रा गनबाक लेल मोन राखू जाहि अक्षरमे "अ", "इ", "उ", "ऋ" एवं "लृ" नुकाएल हो तकरा लघु मानू आ तकरा बाद सभकेँ दीर्घ। संगहि संग अनुस्वार तँ दीर्घ अछि मुदा चन्द्रबिंदु लघु।संगहि-संग जँ कोनो शब्दमे संयुक्ताक्षर हुअए तँ ताहिसँ पहिलेक अक्षर दीर्घ भए जाइत छैक चाहे ओ लघु किएक ने हुअए। उदाहरण लेल--प्रत्यक्ष शब्दमे दूटा संयुक्ताक्षर अछि पहिल त्य एवं क्ष। आब एहिमे देखू "त्य" सँ पहिने "प्र" अछि तँए ई दीर्घ भेल आ "क्ष" सँ पहिने "त्य" अछि तँए इहो दीर्घ भेल। मुदा इ मोन राखू "न्ह" आ "म्ह" संयुक्ताक्षरसँ पहिने बला शब्दमे लघु दीर्घ नहि होइत छैक। जेना की "कुम्हार" मे "म्ह" सँ पहिने "कु" दीर्घ नहि भेल तेनाहिते "कन्हाइ" शब्दमे सेहो "न्ह"सँ पहिने "क" वर्ण दीर्घ नहि भेल। क्ष, त्र आ ज्ञ संयुक्ताक्षर अछि। रेफ सेहो संयुक्ताक्षर भेल।...
    • Ashish Anchinhar बहर ----
      गजल सदिखन कोने ने कोने बहरमे होइत छैक। बिना बहरक गजलक कल्पना असंभव। जेना छन्दक आधार लय होइत छैक तेनाहिते बहरक आधार अऱूज वा अऱूद होइत छैक। अऱूज वा अऱूद मने शेर मे निहित मात्रा-क्रम होइत छैक। अऱूज वा अऱूदके वज़न सेहो कहल जाइत छैक। बहरक चर्च आगाँ बढ़एबासँ पहिने एकटा गप्प आर| एहिठाम हम उर्दू बहर केर वर्णन कए रहल छी। आ मैथिली गजलमे इ बहर सभक प्रयोग मैथिली गजलक 100सालक इतिहासमे कहिओ नहि भेल मुदा हालहिमे गजेन्द्र ठाकुर द्वारा बहरे-मुतकारिबमे सफलतापूर्वक गजल लिखल गेल। तँए आब एकर चर्चा आवश्यक। ओना मैथिलीमे वार्णिक बहरक खोज सेहो गजेन्द्र ठाकुर द्वारा भेल अछि जकर अनुकरण प्रायः हरेक नव गजलकार कए रहल छथि। एहि लेखमे जतेक उदाहरण देल गेल अछि से वार्णिक बहर पर आधारित अछि। ओना एहि बहरक चर्चा हम बादमे सेहो करब। तँ पहिने उर्दूक बहर देखी।
      अऱूज वा अऱूदक अविष्कार हिजरीक दोसर सदीमे खलीले इब्ने अहमद बसरी केने छलाह। हुनका इ विचार मक्काक ठठेरा बजारमे बर्तन बनेबाक अवाज सूनि अएलन्हि। प्राचीन कालमे मक्काके अऱूज वा अऱूद सेहो कहल जाइत छलैक तँए बसरी ओहि मात्रा क्रमके अऱूज वा अऱूदक नाम देलथि। अरबी साहित्यमे 16 बहरक प्रयोग भेल। बादमे इरानमे तीन टा बहरक अविष्कार भेल। आब हम एहिठाम बहरक संक्षिप्त परिचय दए रहल छी।
      अरबी साहित्यमे बहर तीन खंडमे बाँटल गेल अछि 1) सालिम मने मूल बहर, 2 ) मुरक्कब मने मिश्रित बहर आ 3) मुदाइफ मने परिवर्तित बहर। एहि तीनूमेसँ मुदाइफ बहरके चर्चा एखन हम नहि करब कारण जखन मैथिलीमे मूल बहर पर गजल लिखले नहि गेल अछि। तँ कोन हिसाबें हम ओकरा (मुदाइफ बहरकेँ) एतए प्रस्तुत करू। अरबीमे सालिम मने मूल बहर मे सात टा बहर अबैत अछि। आ मुरक्कबमे बारह टा। बादमे एही बारहके उलट-फेर करैत आठ टा आर बहर बनाएल गेल। कुल मिला कए मुरक्कब बहर बीस टा भेल। हम अपना सुविधा लेल मुरक्कब बहरकेँ दू खंडमे बाँटि देने छी। संगहि-संग सालिम बहरके हम "समान बहर" नाम देने छिऐक। आ मुरक्कब बहरक पहिल खंड (जाहिमे कुल सात टा बहर अछि) तकरा अर्धसमान बहर नाम देलिऐक आ मुरक्कब बहरक दोसर खंड जाहिमे तेरह टा बहर अछि तकर नाम "असमान बहर" देलिऐ। तँ आब एकर विवरण निच्चा देखू।17
      ...
    • Ashish Anchinhar बहरसँ पहिने रुक्नकेँ बूझी।
      संस्कृतक गण जकाँ अरबी मे सेहो होइत छैक जकरा "रुक्न" कहल जाइत छैक। इ रुक्न आठ प्रकारके होइत अछि। जकर विवरण एना अछि-------

      रुक्नक स्वरूप मात्रा रुक्नक नाम मात्रा क्रम
      खमासी रुक्न 5 फऊलुन ( फ/ऊ/लुन) ISS (I/S/S)
      खमासी रुक्न 5 फाइलुन (फा/इ/लुन) SIS (S/I/S)
      मूल रुक्न 7 फाइलातुन (फा/इ/ला/तुन) SISS ( S/I/S/S )
      मूल रुक्न 7 मफाईलुन (म/फा/ई/लुन) ISSS ( I/S/S/S )
      मूल रुक्न 7 मुस्तफइलुन (मुस्/तफ/इ/लुन SSIS ( S/S/I/S )
      मूल रुक्न 7 मुफाइलतुन (मु/फा/इ/ल/तुन ) ISIIS ( I/S/I/I/S )
      मूल रुक्न 7 मुतफाइलुन (मु/त/फा/इ/लुन IISIS ( I/I/S/I/S )
      मूल रुक्न 7 मफऊलातु (मफ/ऊ/ला/तु SSSI ( S/S/S/I )
      ****** एहिठाम I मने 1 मने हस्व आ S मने 2 मने दीर्घ भेल | एहि रुक्न सभकेँ इयाद रखबाक लेल गणितीय रूपसँ एना बुझू---------
      a) एकटा लघुकेँ बाद जँ दूटा दीर्घ हो तँ ओकरा "फऊलुन" कहल जाइत छैक।
      b) एकटा लघुकेँ बाद जँ तीनटा दीर्घ हो तँ ओकरा "मफाईलुन" कहल जाइत छैक।
      c) जँ "मफाईलुन" केँ उल्टा करबै तँ "मफऊलात" बनि जाएत मने तीनटा दीर्घकेँ बाद एकटा लघु।
      d) दूटा दीर्घकेँ बीचमे जँ एकटा लघु रहए तखन ओकरा "फाइलुन" कहल जाइत छैक।
      e) "फाइलुन" केर अंतमे जँ एकटा आर दीर्घ जोडबै तँ ओ "फाइलातुन" बनि जाएत।
      f) "फाइलातुन" केर उल्टा रूप "मुस्तफइलुन" होइत छैक।
      g) शुरुमे एकटा लघु तकरा बाद एकटा दीर्घ तकरा बाद फेर दूटा लघु आ तकरा अंतमे एकटा दीर्घ हो तँ "मुफाइलतुन" कहल जाइत छैक
      h) "मुफाइलुन" केर अंतसँ तेसर या दोसर लघु हटा कए पहिल लघु लग बैसा देबै तँ "मुतफाइलुन" बनि जाएत। मने शुरुमे टूटा लघु तकरा बाद एकटा दीर्घ तकरा बाद फेर एकटा लघु आ तकरा बाद अंतमे एकटा दीर्घ।
      एही आठो रुक्नक हेर-फेरसँ बहर बनैत अछि जकर विवरण निच्चा देल जा रहल अछि। ..
    • Ashish Anchinhar ‎1) समान ध्वनि---------एहि खंडमे कुल सात गोट बहर राखल जाइत अछि। जकर विवरण एना अछि--------
      क) बहरे-हज़ज---------- एकर मूल ध्वनि अछि "मफाईलुन" मतलब I-S-S-S (1-2-2-2) मने हस्व् -दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ| इ ध्वनि शाइर अपना सुविधानुसार प्रयोग कए सकैत छथि। मतलब कोनो शाइर एक पाँतिमे एक बेर, वा दू बेर वा ...... कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) प्रयोग कए सकैत छथि, मुदा मात्रा-क्रम नहि टुटबाक चाही।आ जँ एहि ध्वनि के शेर के रुप मे देबै तँ एना हेतैक------
      I-S-S-S
      I-S-S-S
      I-S-S-S + I-S-S-S
      I-S-S-S + I-S-S-S

      I-S-S-S + I-S-S-S
      I-S-S-S + I-S-S-S

      I-S-S-S + I-S-S-S + I-S-S-S + I-S-S-S
      I-S-S-S + I-S-S-S + I-S-S-S + I-S-S-S.......................................
      तँ इ भेल बहरे-हज़ज केर ढ़ाँचा। एहिठाम फेर एक बेर गौरसँ देखू। उपरका ढ़ाँचा सभमे दूनू पाँतिमे मात्रा क्रम एकै छैक। अर्थात ह्रस्व के निच्चा ह्रस्व आ दीर्घ। आ मोन राखू जँ अहाँ बहरे-हज़जमे गजल लीखि रहल छी तँ हरेक शेरक मात्रा क्रम इएह देबए पड़त। नहि तँ गजल बे-बहर कहाओत।
      ख) बहरे-रमल------- एकर मूल ध्वनि एना अछि--- फाइलातुन मने ----- S-I-S-S,अर्थात दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ। आब जँ एहि ध्वनि के शेर मे प्रयोग करबै तँ एना हेतैक---
      S-I-S-S + S-I-S-S + S-I-S-S + S-I-S-S
      S-I-S-S + S-I-S-S + S-I-S-S + S-I-S-S
      (एहिठाम हम खाली चारि-चारि ध्वनिके उदाहरण देलहुँ अछि, मुदा शाइर एकसँ लए कए कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) ध्वनिके प्रयोग कए सकैत छथि।)
      इ भेल बहरे-रमल।
      ग) बहरे-कामिल----- एकर मूल ध्वनि अछि "मुतफाइलुन" मने I-I-S-I-S मने ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ। शेरमे एकर ढ़ाँचा एना छैक------
      I-I-S-I-S + I-I-S-I-S + I-I-S-I-S + I-I-S-I-S + I-I-S-I-S
      I-I-S-I-S + I-I-S-I-S + I-I-S-I-S + I-I-S-I-S + I-I-S-I-S
      (एहिठाम हम खाली चारि-चारि ध्वनिके उदाहरण देलहुँ अछि, मुदा शाइर एकसँ लए कए कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) ध्वनिके प्रयोग कए सकैत छथि।)
      इ भेल बहरे-कामिल
      घ) बहरे-मुतकारिब-------- एकर मूल ध्वनि फऊलुन अछि मने I-S-S मने ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ। एकर ढ़ाँचा देखू-------
      I-S-S + I-S-S + I-S-S + I-S-S + I-S-S
      I-S-S + I-S-S + I-S-S + I-S-S + I-S-S
      (एहिठाम हम खाली चारि-चारि ध्वनिके उदाहरण देलहुँ अछि, मुदा शाइर एकसँ लए कए कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) ध्वनिके प्रयोग कए सकैत छथि।)
      इ भेल बहरे-मुतकारिब
      ङ) बहरे-मुतदारिक--------एकर मूल ध्वनि अछि "फाइलुन" मने S-I-S मने दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ अछि। एकर ढ़ाँचा एना अछि------
      S-I-S + S-I-S + S-I-S + S-I-S
      S-I-S + S-I-S + S-I-S + S-I-S
      (एहिठाम हम खाली चारि-चारि ध्वनिके उदाहरण देलहुँ अछि, मुदा शाइर एकसँ लए कए कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) ध्वनिके प्रयोग कए सकैत छथि)| इ भेल बहरे-मुतदारिक।
      च) बहरे-रजज------ एकर मूल ध्वनि "मुस्तफइलुन" छैक। मने S-S-I-S मने दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ। एकर ढ़ाँचा एना हेतैक------
      S-S-I-S + S-S-I-S + S-S-I-S + S-S-I-S
      S-S-I-S + S-S-I-S + S-S-I-S + S-S-I-S
      (एहिठाम हम खाली चारि-चारि ध्वनिके उदाहरण देलहुँ अछि, मुदा शाइर एकसँ लए कए कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) ध्वनिके प्रयोग कए सकैत छथि।)
      इ भेल बहरे-रजज |
      छ) बहरे-वाफिर------------ एकर मूल ध्वनि "मुफाइलतुन" छैक मने I-S-I-I-S मने ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ। एकर ढ़ाँचा देखू------
      I-S-I-I-S + I-S-I-I-S + I-S-I-I-S + I-S-I-I-S
      I-S-I-I-S + I-S-I-I-S + I-S-I-I-S + I-S-I-I-S
      (एहिठाम हम खाली चारि-चारि ध्वनिके उदाहरण देलहुँ अछि, मुदा शाइर एकसँ लए कए कतेको बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) ध्वनिके प्रयोग कए सकैत छथि।)
      इ भेल बहरे-वाफिर | ...
    • Ashish Anchinhar ‎2) अर्धसमान बहर-------- एहि खंडमे कुल सात गोट बहर अछि। एकरा हम अर्धसमान बहर एहि द्वारे कहैत छिऐक जे एहिमे हरेक पाँतिमे कमसँ-कम अनिवार्य रुपसँ दूटा ध्वनिके समान रुपमे प्रयोग करए पड़ैत छैक। आब शाइर एहि दूनू ध्वनिके एक पाँतिमे जाए बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) प्रयोग कए सकथि ओ हुनका ऊपर छन्हि। आ एहि खंडक छहो अन्य बहर लेल एहने सन बूझू।। एकर विवरण निच्चा देल जा रहल अछि।
      क) बहरे-तवील--------- एकर मूल ध्वनि छैक " फऊलुन-मफाईलुन"। एकर ढ़ाँचा देखू-------
      I-S-S + I-S-S-S
      I-S-S + I-S-S-S

      I-S-S + I-S-S-S + I-S-S + I-S-S-S
      I-S-S + I-S-S-S + I-S-S + I-S-S-S

      I-S-S + I-S-S-S + I-S-S + I-S-S-S + I-S-S + I-S-S-S
      I-S-S + I-S-S-S + I-S-S + I-S-S-S + I-S-S + I-S-S-S...........................
      एहि बहर आ एहि खंडक बाँकी अन्य छहो बहरक लेल एकटा आर बात मोन राखू जे ध्वनि जाहि क्रममे देल गेल अछि ताही क्रममे रहबाक चाही। जेना की बहरे-तवीलमे अहाँ देखलहुँ जे एकर ध्वनि एना छैक " फऊलुन-मफाईलुन" मुदा जँ अहाँ एकरा " मफाईलुन- फऊलुन" बला क्रममे रखबै तँ इ बहरे-तवील नहि हएत।
      ख) बहरे-मदीद-----------एकर मूल ध्वनि अछि "फाइलातुन-फाइलुन"। एकर ढ़ाँचा एना छैक--------------------
      S-I-S-S + S-I-S
      ग) बहरे बसीत----- एकर मूल ध्वनि " मुस्तफइलुन-फाइलुन" छैक। एकर ढ़ाँचा एना हएत----------------------------
      S-S-I-S + S-I-S-S
      घ) बहरे-मुजस्सम वा मुजास----------------------------- एकर मूल ध्वनि " मुस्तफइलुन-फाइलातुन" छैक। एकर ढ़ाँचा एहन छैक-----------
      S-S-I-S + S-I-S-S
      ङ) बहरे- मुन्सरह----------- एकर मूल ध्वनि "मुस्तफइलुन-मफऊलात"। एकर ढ़ाँचा छैक---------------
      S-S-I-S + S-S-S-I
      च) बहरे-मजरिअ-------------- एकर मूल ध्वनि छैक "मफाईलुन-फाइलातुन" एकर ढ़ाँचा एना छैक--------
      I-S-S-S+S-I-S-S
      छ) बहरे-मुक्तजिब------- एकर मूल ध्वनि छैक " मफऊलात-मुस्तफइलुन"। एकर ढ़ाँचा छैक-----------
      S-S-S-I +S-S-I-S 20
      3) असमान बहर--------- एहि खंडमे कुल तेरह गोट बहर अछि। एकरा हम असमान बहर एहि द्वारे कहैत छिऐक जे एहिमे हरेक पाँतिमे कमसँ-कम अनिवार्य रुपसँ तीनटा ध्वनिके समान रुपमे प्रयोग करए पड़ैत छैक।जाहिमे दूटा ध्वनि तँ समान रहैत छैक खाली एकटा मने तेसर ध्वनि दोसर आबि जाइत छैक। आब शाइर एहि तीनू ध्वनिके एक पाँतिमे जाए बेर ( बेसीसँ बेसी सोलह बेर ) प्रयोग कए सकथि ओ हुनका ऊपर छन्हि। आ एहि खंडक आर अन्य बहर लेल एहने सन बूझू। एकर विवरण निच्चा देल जा रहल अछि।
      क) बहरे-खफीफ------एकर मूल ध्वनि छैक "फाइलातुन-मुस्तफइलुन-फाइलातुन"| एकर ढ़ाँचा छैक----------
      S-I-S-S + S-S-I-S + S-I-S-S
      ख) बहरे-जदीद----- एकर मूल ध्वनि छैक "फाइलातुन- फाइलातुन-मुस्तफइलुन"| एकर ढ़ाँचा छैक----------
      S-I-S-S + S-I-S-S + S-S-I-S
      ग) बहरे-सरीअ----- एकर मूल ध्वनि छैक " मुस्तफइलुन- मुस्तफइलुन-मफऊलात" | एकर ढ़ाँचा छैक-------
      S-S-I-S + S-S-I-S + SISS
      घ) बहरे-करीब------ एकर मूल ध्वनि छैक " मफाईलुन- मफाईलुन- फाइलातुन"| एकर ढ़ाँचा छैक----
      I-S-S-S + ISSS + S-I-S-S
      ङ) बहरे-मुशाकिल------- एकर मूल ध्वनि छैक " फाइलातुन- मफाईलुन- मफाईलुन | एकर ढ़ाँचा छैक----
      S-I-S-S + I-S-S-S + I-S-S-S
      च) बहरे-कलीब-------- एकर मूल ध्वनि छैक "फाइलातुन—फाइलातुन--- मफाईलुन" | एकर ढ़ाँचा छैक---
      SISS--- SISS---- ISSS
      छ) बहरे असम------- एकर मूल ध्वनि छैक फाइलातुन--- मफाईलुन--- फाइलातुन | एकर ढ़ाँचा छैक--- SISS---- ISSS--- SISS
      ज) बहरे कबीर----- एकर मूल ध्वनि छैक मफऊलातु--- मफऊलातु--- मुस्तफइलुन| एकर ढ़ाँचा छैक ---SSSI--- SSSI--- SSIS
      झ) बहरे सगीर----- एकर मूल ध्वनि छैक मुस्तफइलुन--- फाइलातुन---- मुस्तफइलुन| एकर ढ़ाँचा छैक --SSIS--- SISS--- SSIS
      ञ) बहरे-सरीम----- एकर मूल ध्वनि छैक मफाईलुन--- फाइलातुन--- फाइलातुन | एकर ढ़ाँचा छैक------- ISSS + SISS + SISS
      ट) बहरे सलीम----- एकर मूल ध्वनि छैक --- "मुस्तफइलुन-- मफऊलातु---मफऊलातु"| एकर ढ़ाँचा छैक----
      SSIS + SSSI + SSSI
      ठ)बहरे हमीद----- एकर मूल ध्वनि छैक--- "मफऊलातु----मुस्तफइलुन----मफऊलातु"| एकर ढ़ाँचा छैक---
      SSSI + SSIS + SSSI
      ड) बहरे हमीम--- एकर मूल ध्वनि छैक-- "फाइलातुन--- मुस्तफइलुन--- मुस्तफइलुन" |एकर ढ़ाँचा छैक--
      SISS + SSIS + SSIS 21...
    • Ashish Anchinhar आब हमरा लोकनि इ जानी जे अरबीक एहि आठो रुक्नकेँ मैथिलीमे केना बदलि सकैत छी। मैथिलीमे दू प्रकारक छंद पद्धति अछि-----मात्रिक आ वार्णिक |
      A) मात्रिक------ एहिमे दू, तीन, चारि, पाँच आ छह मात्रा खंडके जोड़ि कए अक्षर विन्यास कएल जाइत छैक। आ एहि अक्षर विन्यासकेँ गण कहल जाइत छैक। मात्रिक छंदमे पाँच टा गण होइत अछि-----
      क) ण (णगण) = द्विकल मने दू मात्राक खंड
      ख) ढ ( ढगण) = त्रिकल मने तीन मात्राक खंड
      ग) ड ( डगण) = चतुष्कल मने चारि मात्राक खंड
      घ) ठ ( ठगण) = पंचकल मने पाँच मात्राक खंड
      ङ) ट ( टगण) = षटकल मने छह मात्राक खंड
      एहि गणकेँ अतिरिक्त मैथिलीमे एक मात्रा, सात मात्रा आ आठ मात्राक वर्ण विन्यास सेहो होइत छैक। मुदा ओकरा गण नहि मानल जाइत छैक। कारण एक मात्रा अपूर्ण भेल। तेनाहिते सात वा आठ मात्रा बला विन्यास कोनो ने कोनो रुपेँ उपरक पाँचो गणसँ मिलैत अछि। उदाहरण लेल सात मात्राक वर्ण विन्यास देखू---" पहिराओल" = IISSI । आब एहिमे देखू पहिल तीन मात्रा मने ( IIS) चतुष्कलक रुप थिक आ अंतिम दूनू मात्रा मने ( SI ) त्रिकलक रुप थिक। आठ मात्राक लेल एहने सन गप्प। उपरक पाँचो मात्रा विन्यासकेँ अलग-अलग रुपेँ लिखल जा सकैए आ एहि हिसाबें ------
      द्विकल- दू रूप मे लिखल जाइत अछि-----
      1) घर = II
      2) ओ = S
      त्रिकल- तीन रूप मे लिखल जाइत अछि-----
      1) भिजा = IS
      2) अपन = III
      3) आब = SI
      चतुष्कल- पाँच रूप मे लिखल जाइत अछि-----
      1) छौंड़ी = SS
      2) तकरा = IIS
      3) चुमान = ISI
      4) फेकल = SII
      5) सदिखन = IIII
      पंचकल- आठ रूप मे लिखल जाइत अछि-----
      1) लड़ाकू = ISS
      2) तिलकोर = IISI
      3) हौहत्ती = SIS
      4) तरेगन = ISII
      5) सरधुआ = IIIS
      6) जागरण = SIII
      7) अंगूर = SSI
      8) चहटगरि = IIIII
      षटकल - तेरह रूप मे लिखल जाइत अछि--
      1) सोहारी = SSS
      2) बपखौकी = IISS
      3) सुधामयी = ISIS
      4) मादकता = SIIS
      5) असगरुआ = IIIIS
      6) सिताएल = ISSI
      7) लालटेन = SISI
      8) खटखटाह = IIISI
      9) मोताबिक = SSII
      10) अधमौगति = IISII
      11) सुरेबगर = ISIII
      12) राजभवन = SIIII
      13) चपलचरण = IIIIII
      तँ चलू आब एहि पाँचो गणसँ अरबी रुक्न बनाबी। इ अरबी रुक्न आठ अछि । तँ देखू एकर नियम-----
    • Ashish Anchinhar ‎) जँ द्विकलक (णगनक) एहन रूप जाहिमे एकसरें दीर्घ मने--SS (जेना-जे, गे, खो, जो आदि) रहए आ तकरा बाद पंचकल (ठगण)क ओ रूप रहए जाहिमे पहिल वर्ण लघु आ तकरा बाद दूनू दीर्घ (ISS) हो तँ जे रूप बनत से उर्दू मे "फाइलातुन" कहबैत छैक। एकटा उदारहरण लिअ " गे सुशीला" एकर मात्रा क्रम अछि (SISS) ---- आब एकरा "फाइलातुन" (SISS) सँ मिलाउ| एकरा एना देखू------ S + ISS = SISS
      2) जँ पंचकल (ठगण)क ओ रूप जाहिमे पहिने दूटा दीर्घ आ तकरा बाद एकटा लघु हो (SSI) तकरा द्विकल (णगन)क ओहन रूपसँ जोड़ू जाहिमे एकसरें दीर्घ (S) हो। तँ ओ "मुस्तफइलुन" ( SSIS) बनत। एकरा एना देखू---------SSI + S = SSIS
      3) जँ त्रिकल (ढगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल लघु आ दोसर दीर्घ (IS) हो तकरा चतुष्कल (डगण)क ओहन रूपसँ जोड़ू जाहिमे दूनू दीर्घ (SS) छैक। तखन जे बनत तकरा "मफाईलुन" (ISSS) बनत मने। उदाहरण लेल---निशा एलै (ISSS)। एकरा एना देखू-----IS + SS = ISSS
      4) जँ चतुष्कल (डगण)क ओहन रूप जकर शुरूआतमे दूटा लघु आ अंतमे एकटा दीर्घ होइ मने (IIS) तकरा त्रिकल (ढगण)क ओहन रूपसँ जोड़ू जाहिमे पहिल लघु आ अंतिम दीर्घ मने (IS) तँ "मुतफाइलुन" (IISIS) बनि जाएत। एकरा एना देखू-------IIS + IS = IISIS
      5) जँ पंचकल (ठगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल लघु दोसर दीर्घ आ तकरा बाद अंतिम दूनू लघु मने (ISII) हो तकरा द्विकल (णगण)क ओहन रूपसँ जोड़बै जाहिमे एकटा दीर्घ होइक मने (S) तँ मफाइलतुन बनि जाएत। एकरा एना देखू------ISII + S = ISIIS
      6) जँ चतुष्कल (डगण)क ओहन रूप जाहिमे दूनू दीर्घ हो (SS) मने तकरा त्रिकल (ढगण)क ओहन रूपसँ जाहिमे पहिल दीर्घ आ अंतिम लघु (IS) मने हो तँ "मफऊलात" (SSIS) बनत। एकरा एना देखू-----SS + IS = SSIS
      7) पंचकल (ठगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल लघु आ तकरा बाद दूनू दीर्घ हो मने (ISS) से "फऊलुन" कहाइत अछि। एकरा एना देखू------ ISS
      8) पंचकल (ठगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल दीर्घ आ तकरा बाद लघु तकरा बाद फेर दीर्घ हो मने (SIS) से "फाइलुन" कहल जाइत अछि। एकरा एना देखू------SIS.
    • Ashish Anchinhar B) वार्णिक छंदमे तीन-तीन मात्रा खंडक आठ विन्यास कएल जाइत अछि। एहि तीन-तीन खंडक गनणा "दशाक्षरी" पद्धतिसँ कएल जाइत अछि। इ एक प्रकारक सूत्र अछि। इ सूत्र अछि-----"यमाताराजभानसलगा"। एहि दसो अक्षरमेसँ पहिल आठ अक्षर आठो गणक नामक पहिल अक्षर थिक। आ इ आठ गण अछि-----
      य = यगण
      मा = मगण
      ता = तगण
      रा = रगण
      ज = जगण
      भा = भगण
      न = नगण
      स = सगण
      आ अंतिम दूटा अक्षर "लगा" कोनो गण नहि अछि। कारण इ जे वार्णिक छंदमे तीन-तीन मात्रा होइत छैक। मुदा "लगा" केर बाद कोनो अक्षर नहि अछि। तँए "स" के बाद कोनो गण नहि बनि सकैत अछि। आब गण बनेबाक तरीका देखू---- अहाँ जे गण बनबए चाहैत छी तकर पहिल अक्षर आ तकरा बादक दू अक्षर आरो लिअ। जे अक्षर क्रम आएत तकर मात्रा गणक मात्रा कहाएत। उदाहरण लेल मानू हमरा "मगण" बनेबाक अछि तँ सभसँ पहिने "मा" लिअ तकरा बादक दूशब्द अछि "तारा"। आब एकरा एकठाम लेने "मातारा" बनत। आब एकर मात्रा अछि---SSS | तँ इ भेल "मगण"। एकटा आर उदाहरण लिअ मानू हमरा जगण बनेबाक अछि तँ ज लिअ आ तकरा बाद दू शब्द अछि "भान"। तँ दूनू मिला कए "जभान" बनत मने "जगण" केर मात्रा क्रम ISIअछि। एनाहिते आठो गण बनैत अछि। आठो गणक रुप देल जा रहल अछि-----
      गणक नाम दशाक्षरी खंड मात्रा क्रम
      यगण यमाता ISS
      मगण मातारा SSS
      तगण ताराज SSI
      रगण राजभा SIS
      जगण जभान ISI
      भगण भानस SII
      नगण नसल III
      सगण सलगा IIS
      तँ चलू आब एहि आठो गणसँ अरबी रुक्न बनाबी। इ अरबी रुक्न आठ अछि । तँ देखू एकर नियम----
      1) यगण (ISS)सँ पहिने एकटा दीर्घ लगेने " फाइलातुन" बनत। मने S + यमाता = SISS = फाइलातुन
      ( वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी------- रगण मने (SIS) केँ बाद एकटा आर दीर्घ लगेने "फाइलातुन" बनत।मने SIS + S = SISS

      2) रगण (SIS)सँ पहिने एकटा दीर्घ लगेने " मुस्तफइलुन " बनत। मने S + रगण = SSIS = मुस्तफइलुन
      (वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी----- तगण मने (SSI) केँ बाद एकटा आर दीर्घ लगेने "मुस्तफइलुन" बनत। मने SSI + S = SSIS)

      3) यगण (ISS)केँ बाद एकटा दीर्घ लगेने "मफाईलुन" बनत। मने ISS + यगण = ISSS = मफाईलुन
      (वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी---- मगण मने (SSS) सँ पहिने एकटा लघु लगेने "मफाईलुन" बनत। मने I+SSS = ISSS

      4) रगण (SIS) सँ पहिने दूटा लघु लगेने "मुतफाइलुन" बनत। मने II + रगण = IISIS = मुतफाइलुन
      ( वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी--- सगण मने (IIS) केँ बाद एकटा लघु आ तकरा बाद एकटा दीर्घ लगेने "मुतफाइलुन" बनत। मने IIS + I + S = IISIS =

      5) जगण मने (ISI) केँ बाद एकटा लघु आ तकरा बाद एकटा दीर्घ लगेने "मुफाइलतुन" बनत। मने ISI + I + S = ISIIS

      6) मगण मने (SSS) के बाद एकटा लघु लगेने "मफऊलात" बनत। मने SSS + I = SSSI = मफऊलात
      ( वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी----- तगण मने (SSI)सँ पहिने एकटा दीर्घ लगेने “मफऊलात” बनत। मने S + SSI = SSSI

      7) यगण मने (ISS) पूरा-पूरी "फऊलुन" केँ बराबर अछि।

      8) रगण मने (SIS) पूरा-पूरी "फाइलुन" केँ बराबर अछि।
      तँ दूनू प्रकारक छंद आ तकरा रुक्नमे बदलनाइ हमरा लोकनि सेहो देखलहुँ। तँ आब चलू तैआर भए जाउ गजल लिखए आ पढ़ए लेल। एहि लेखक सहायतासँ खाली मैथिलीए नहि कोनो आन भाषामे सेहो सही गजल लीखि सकैत छी, खाली काफियाकेँ नियम बदलि जेतै भाषाकेँ हिसाबें।..
    • Ashish Anchinhar मैथिलीमे बहर
      उपरमे हमरा लोकनि जतेक बहर देखलहुँ ताहि उपर मैथिलीमे आइ धरि गजल कहले नहि गेल। अर्थात जीवन झासँ लए कए 2008 धरि मैथिलीमे बहर नहि छल। 2008क बाद गजेन्द्र ठाकुर उपरका बहरमे गजल तँ कहबे केलाह संगहि-संग मैथिली लेल एकटा अन्य बहर सेहो तकलाह जकर नाम देल गेल---वार्णिक बहर। एहि बहरक मतलब छैक मतलाक पहिल पाँतिमे जतेक वर्ण छैक ओहि गजलक आन हरेक शेरक पाँतिमे ओतबए वर्ण हेबाक चाही। उपरमे उदाहरण लेल हम अपन जतेक शेर देने छी ओ सभ सरल वार्णिक बहरमे अछि।तथापि एकटा उदाहरण आर-----
      जहिआ धरि हमरा श्वास रहत
      तहिआ धरि हुनक आस रहत
      आब एकरा गानू। एहि दूनू पाँतिमे 13-13 वर्ण अछि। इ भेल सरल वार्णिक बहर। वर्ण कोना गानल जाए ताहि लेल इ धेआन राखू-----
      हलंत बला अक्षरकेँ 0 मानू
      संयुक्ताक्षरमे संयुक्त अक्षरके 1 मानू। जेना की "हरस्त" मे स्त=1 भेल।
      तकरा बाद सभ अक्षरकेँ 1 मानू चाहे ओकर मात्रा लघु हो की दीर्घ।
      वार्णिक बहर दू तरहक अछि---
      सरल वार्णिक बहर, आ वार्णिक
      1) सरल वार्णिक बहर----- उपरका सभ उदाहरण सरल वार्णिकक अछि।
      2) वार्णिक-------- एहिमे वर्णक संग-संग मात्राक सेहो धेआन राखए पड़ैत छैक। मने वर्णक संख्या तँ निश्चित हेबाके चाही संगहि-संग ह्रस्व के निच्चा ह्रस्व आ दीर्घ के निच्चा दीर्घ हेबाके चाही। उदाहरण लेल-----
      नचनी नाच नचा गेल प्रेम हुनकर
      जिनगी बाँझ बना गेल प्रेम हुनकर
      आब एहि शेरके देखू दूनू पाँतिमे 15 वर्ण तँ छैके संगे-संग पहिल पाँतिमे जाहि ठाम जे मात्रा छैक वएह मात्रा दोसरो पाँतिमे ओही ठाम छैक। तँ इ भेल वार्णिक बहर|
      आब अहाँ एतए प्रश्न कए सकैत छी जे जँ एहिमे ह्रस्व के निच्चा ह्रस्व आ दीर्घ के निच्चा दीर्घ छैक तँ एकरा उर्दूक बहर किएक ने मानल जाए। मुदा एहिठाम मोन राखू खाली ह्रस्व के निच्चा ह्रस्व आ दीर्घ के निच्चा दीर्घ रहने उर्दूक बहर नहि होइत छैक। जँ अहाँ एकरा मात्रा क्रम देबै तँ पता चलत जे एकर रुप एना छैक----
      I+I+S+S+I+I+S+S+I+S+I+I+I+I+I

      आब अहाँ गौरसँ देखू इ ढ़ाँचा उर्दूक कोनो बहरसँ मेल नहि खाइत अछि। तँए एहि शेरमे ह्रस्व के निच्चा ह्रस्व आ दीर्घ के निच्चा दीर्घ रहितो उर्दूक बहर नहि मानल जाएत।
      आब कने इ विचारी जे मैथिलीमे कोन बहरके प्रधानता दी। जेना की हमरा लोकनि जनैत छी "सरल वार्णिक बहर" सभसँ बेसी हल्लुक अछि तँए गजलगो ( शाइर) शुरुआतमे एही बहर मे गजल लिखैत तँ नीक। तकरा बाद अभ्याससँ दोसर बहर (वार्णिक बहर) पर आबथि आ तकरा बाद उर्दू बला बहर पर हाथ अजमाबथि। एखन मैथिलीमे दोसर बहर अर्थात वार्णिक बहरक प्रारंभिक चरण चलि रहल अछि। अंतमे सबसँ खास गप्प गजल चाहे अहाँ कोनो बहर मे किएक ने लिखब रदीफ आ काफियाक नियम सभ लेल एकै रंग रहत। ..
    • Ashish AnchinharRuby Jha----उपरका आलेख पढ़ि गजल लीखू से हमर आग्रह।
    • Ruby Jha Thik chhai....hum paidh ka likhba ke koshis krb...apnek dhanybad.
    • Ruby Jha Om ji ke likhal je line chhain oe par wa apnek likhal line achhi oe par ..hum neek jakan buijh nai rahal chhi kni krupa kai sharalta se khal jao...je hum buijh pabi...sadar nivedan.
    • Ashish Anchinhar दूनू पाँति एकै छै

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