Ashish Anchinhar B) वार्णिक छंदमे तीन-तीन मात्रा खंडक आठ विन्यास कएल जाइत अछि। एहि तीन-तीन खंडक गनणा "दशाक्षरी" पद्धतिसँ कएल जाइत अछि। इ एक प्रकारक सूत्र अछि। इ सूत्र अछि-----"यमाताराजभानसलगा"।
एहि दसो अक्षरमेसँ पहिल आठ अक्षर आठो गणक नामक पहिल अक्षर थिक। आ इ आठ गण अछि-----
य = यगण
मा = मगण
ता = तगण
रा = रगण
ज = जगण
भा = भगण
न = नगण
स = सगण
आ अंतिम दूटा अक्षर "लगा" कोनो गण नहि अछि। कारण इ जे वार्णिक छंदमे तीन-तीन मात्रा होइत छैक। मुदा "लगा" केर बाद कोनो अक्षर नहि अछि। तँए "स" के बाद कोनो गण नहि बनि सकैत अछि। आब गण बनेबाक तरीका देखू---- अहाँ जे गण बनबए चाहैत छी तकर पहिल अक्षर आ तकरा बादक दू अक्षर आरो लिअ। जे अक्षर क्रम आएत तकर मात्रा गणक मात्रा कहाएत। उदाहरण लेल मानू हमरा "मगण" बनेबाक अछि तँ सभसँ पहिने "मा" लिअ तकरा बादक दूशब्द अछि "तारा"। आब एकरा एकठाम लेने "मातारा" बनत। आब एकर मात्रा अछि---SSS | तँ इ भेल "मगण"। एकटा आर उदाहरण लिअ मानू हमरा जगण बनेबाक अछि तँ ज लिअ आ तकरा बाद दू शब्द अछि "भान"। तँ दूनू मिला कए "जभान" बनत मने "जगण" केर मात्रा क्रम ISIअछि। एनाहिते आठो गण बनैत अछि। आठो गणक रुप देल जा रहल अछि-----
गणक नाम दशाक्षरी खंड मात्रा क्रम
यगण यमाता ISS
मगण मातारा SSS
तगण ताराज SSI
रगण राजभा SIS
जगण जभान ISI
भगण भानस SII
नगण नसल III
सगण सलगा IIS
तँ चलू आब एहि आठो गणसँ अरबी रुक्न बनाबी। इ अरबी रुक्न आठ अछि । तँ देखू एकर नियम----
1) यगण (ISS)सँ पहिने एकटा दीर्घ लगेने " फाइलातुन" बनत। मने S + यमाता = SISS = फाइलातुन
( वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी------- रगण मने (SIS) केँ बाद एकटा आर दीर्घ लगेने "फाइलातुन" बनत।मने SIS + S = SISS
2) रगण (SIS)सँ पहिने एकटा दीर्घ लगेने " मुस्तफइलुन " बनत। मने S + रगण = SSIS = मुस्तफइलुन
(वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी----- तगण मने (SSI) केँ बाद एकटा आर दीर्घ लगेने "मुस्तफइलुन" बनत। मने SSI + S = SSIS)
3) यगण (ISS)केँ बाद एकटा दीर्घ लगेने "मफाईलुन" बनत। मने ISS + यगण = ISSS = मफाईलुन
(वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी---- मगण मने (SSS) सँ पहिने एकटा लघु लगेने "मफाईलुन" बनत। मने I+SSS = ISSS
4) रगण (SIS) सँ पहिने दूटा लघु लगेने "मुतफाइलुन" बनत। मने II + रगण = IISIS = मुतफाइलुन
( वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी--- सगण मने (IIS) केँ बाद एकटा लघु आ तकरा बाद एकटा दीर्घ लगेने "मुतफाइलुन" बनत। मने IIS + I + S = IISIS =
5) जगण मने (ISI) केँ बाद एकटा लघु आ तकरा बाद एकटा दीर्घ लगेने "मुफाइलतुन" बनत। मने ISI + I + S = ISIIS
6) मगण मने (SSS) के बाद एकटा लघु लगेने "मफऊलात" बनत। मने SSS + I = SSSI = मफऊलात
( वैकल्पिक रुपें एनाहुतो कए सकैत छी----- तगण मने (SSI)सँ पहिने एकटा दीर्घ लगेने “मफऊलात” बनत। मने S + SSI = SSSI
7) यगण मने (ISS) पूरा-पूरी "फऊलुन" केँ बराबर अछि।
8) रगण मने (SIS) पूरा-पूरी "फाइलुन" केँ बराबर अछि।
तँ दूनू प्रकारक छंद आ तकरा रुक्नमे बदलनाइ हमरा लोकनि सेहो देखलहुँ। तँ आब चलू तैआर भए जाउ गजल लिखए आ पढ़ए लेल। एहि लेखक सहायतासँ खाली मैथिलीए नहि कोनो आन भाषामे सेहो सही गजल लीखि सकैत छी, खाली काफियाकेँ नियम बदलि जेतै भाषाकेँ हिसाबें।..
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