सोमवार, 30 अप्रैल 2012

गजल

फूलक बाड़ी जकाँ लागैए गाम हमर
पूसक गाछी जकाँ लागैए गाम हमर
गीतक बेजोड़ घारा छै माधुर्य भरल
मोहक पोथी जकाँ लागैए गाम हमर
साजल पौती ल' एलै मास प्रेम भरल
सोमक बाटी जकाँ लागैए गाम हमर
बाँटल नै खेत छै नै कोनो काज अलग
बाटक संगी जकाँ लागैए गाम हमर
सागर भेलै जहाँ (जगत) छै सोती गाम "अमित"
प्रेमक बोली जकाँ लागैए गाम हमर
वर्ण-15
दीर्घ-ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-ह्रस्व-ह्रस्व-ह्रस्व
वार्णिक बहर
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों