टिटही टेकलक अकासके
असगर जीत लेत तासके
छै बलगर दमगर बासके
बाबा बनल मोह पाशके
पाथर पूजि दिन उपासके
आ छै "अमित" उपज चासके
अमित मिश्र
असगर जीत लेत तासके
आँङुर एक के त' काज छै
छै बलगर दमगर बासके
एहन लोक आश तोड़ि दै
बाबा बनल मोह पाशके
छै मानव जँ राम काज की
पाथर पूजि दिन उपासके
केवल कर्म मात्र अपन छै
आ छै "अमित" उपज चासके
दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-
अमित मिश्र
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