रविवार, 8 अप्रैल 2012

बाल गजलक परिकल्पना

पहिल बेर मैथिलीमे बाल गजलक परिकल्पना हमरा द्वारा २४ मार्च २०१२केँ लाएल गेल अछि। सभ गोटेँसँ आग्रह जे एहू पर धेआन देल जाए। अनचिन्हार आखर बाक गजलक उत्थान लेल कृतसंकल्प अछि। दूटा शेर ऐठाँम दए रहल छी जे की बाल गजलक एकटा रूपरेखा बनाएत-----

फेकै झटहा बेर-बेर
बौआ तोड़लक आमकेँ

बाबाकेँ बुझबे नै करै
तोड़ि देलकै खरामकेँ


( सरल वार्णिक बहर--९)

सभहँक सुझाव आ सहयोग आमंत्रित अछि।
· · · 27 March at 20:14

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों