गजल
बड़को बड़का के नहि छै आब सट्ठा
के आब ककरा दैए घी आ मट्ठा
ईंटाक घर ककरो ककरो होइ छल पहिने
गाम गाम मे खुजि गेल आब त भट्ठा
सिल्क पॉलिस्टर कीमती वस्त्र पौशाक भेलै
के पहिरैये मोट झोट आ लट्ठा
गामो मे स्क्वायर फूट मे बिकाइए जमीन
बिसरि जायब किछु दिन मे धूर आ कट्ठा
इलेक्ट्रॉनिक मीडियाक जमाना ई आबि गेल
नवयुग मे नहि भेटत स्लेट आ भट्ठा
जनता महगाइ सँ त्राहि त्राहि करै
भ्रष्टाचारी खाईए घी आ मट्ठा
चोर चोर मौसियौत भाई जखने भ गेल
के खोलत आब ककर कच्चा चिट्ठा
सदरे आलम गौहर
मो-9006326629
बड़को बड़का के नहि छै आब सट्ठा
के आब ककरा दैए घी आ मट्ठा
ईंटाक घर ककरो ककरो होइ छल पहिने
गाम गाम मे खुजि गेल आब त भट्ठा
सिल्क पॉलिस्टर कीमती वस्त्र पौशाक भेलै
के पहिरैये मोट झोट आ लट्ठा
गामो मे स्क्वायर फूट मे बिकाइए जमीन
बिसरि जायब किछु दिन मे धूर आ कट्ठा
इलेक्ट्रॉनिक मीडियाक जमाना ई आबि गेल
नवयुग मे नहि भेटत स्लेट आ भट्ठा
जनता महगाइ सँ त्राहि त्राहि करै
भ्रष्टाचारी खाईए घी आ मट्ठा
चोर चोर मौसियौत भाई जखने भ गेल
के खोलत आब ककर कच्चा चिट्ठा
सदरे आलम गौहर
मो-9006326629
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