बुधवार, 11 अप्रैल 2012

गजल

बाल-गजल

मएगै हमर फुकना की भेल
दाई हमर झुनझुना की भेल

बाबा कें कहबैन सब हरेलौं
सबटा हमर खिलौना की भेल

दूध-भात आब हम नहि खेबौ
पेटमुका हमर सन्ना की भेल

हम जे बुललौं बाबा-बाबी संगे
रातिक हमर सपना की भेल

चंदामामा कईल्ह जे अनलैंह
हमर निकहा चुसना की भेल

(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१२)
जगदानन्द झा 'मनु'

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों