पसरल छै शोणित सगरो बाटपर
घर-आँगन-बाड़ी-झाड़ी घाटपर
हम ठाढ़े रहि गेलहुँ बिनु दामकेँ
देखू बड़का अजगुत ऐ हाटपर
बाबा बनि चूसू सभहँक खून आ
धरमोकेँ छोड़ू बिच्चे बाटपर
कागतपर बनलै हस्पीटल सुनू
सौंसे रोगी सूतल छै खाटपर
भीजल आँचर तहिये गेलै सुखा
जहिया बैसल कौआ ऐ टाटपर
दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ
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