सोमवार, 9 अप्रैल 2012

गजल

बाल गजल





माँटिक चाउर पानिक दूध पातक थारी बनेबै
माँटिक चुल्हि पर खीर राइन्ह तरकारी बनेबै


बालुक चिन्नी कादो के दही गेना फूलक चूरा हेते
घैलक चकुला सनठी के बेलना सँ पूरी बनेबै


मैया के फोटो आनि झूठ-मूठ के पूजा-पाठ करब
बाबी सँ एकरंगा माँगि कुमारि लेल साड़ी बनेबै


फेर करब गुड्डा के वियाह गुड़िया खूब सजेबै
साजि एतै बरियाती बाबा के लाठी के गाड़ी बनेबै


नै डर मास्टर के आइ छुट्टी छै चल मीता खेलब
आइ ''अमित'' नाचबै-गेबै बड़का खेलाड़ी बनेबै


वर्ण -१९
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों