अनचिन्हार आखर के जन्मदिनक हार्दिक शुभकामना संग इ गजल समर्पित
अ-आ सँ सिखलौँ आखर जोड़ि गजल बनेनाइ
जेना कागजक नाह आ फूल कमल बनेनाइ
मतला रदीफ काफिया कसीदा शेर आ बहर
धुन सँ साजि क' रंगबिरही महल बनेनाइ
प्रेमिकाक आँचर सँ प्रेमक पाठ आ प्रेमालाप
कुहरैत करेजक दर्द के चंचल बनेनाइ
दिन के राति राति के दिन साँझ-भोर सँ बदलि
मोनक भाव के अनका लेल सरल बनेनाइ
जन्मदिनक ढेर रास बधाइ आ-आ के हमर
"अमित" अ-आ गंगा शेर के गंगाजल बनेनाइ
वर्ण-18
अमित मिश्र
अ-आ सँ सिखलौँ आखर जोड़ि गजल बनेनाइ
जेना कागजक नाह आ फूल कमल बनेनाइ
मतला रदीफ काफिया कसीदा शेर आ बहर
धुन सँ साजि क' रंगबिरही महल बनेनाइ
प्रेमिकाक आँचर सँ प्रेमक पाठ आ प्रेमालाप
कुहरैत करेजक दर्द के चंचल बनेनाइ
दिन के राति राति के दिन साँझ-भोर सँ बदलि
मोनक भाव के अनका लेल सरल बनेनाइ
जन्मदिनक ढेर रास बधाइ आ-आ के हमर
"अमित" अ-आ गंगा शेर के गंगाजल बनेनाइ
वर्ण-18
अमित मिश्र
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