शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

गजल


गजल-२८

लगै अछि लाल अहाँकेर गाल जहिना सिनुरिया आम

अहाँ केर चान सन मुखरा देखि चानो बनल गुलाम

केश कारी घटा घनघोर अमावस राति सन लागय

नैन काजर सजल चमकल बिजुरी के छुटल घाम

जएह बोली अहाँक ठोर केर चुमि कय बहराइछ

महुआ गाछ पर कोइली सैह बाजल बनल सूनाम

डेग राखल जत' धरती माटि बनिगेल ओत' चानन

रुनझुन पजेब-झंकार सँ अँगना बनल सुरधाम

कसमस जुआनी देख सुधिबुधि हमर हेरायल

पिबै लेल नेहरस ब्याकुल भमरा भऽगेल बदनाम

"चंदन"पथिक प्यासल प्रेम केर बाट पर बौआइछ

दिऔ ने नेहरस एकरा पिआय बइसा करेजा-धाम


-----वर्ण-२१-----

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों