शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

गजल


गजल-२७

सपना नोरक धार बहाओल

जागि-जागि केर राति बिताओल

साज-सिंगार सोहैछ नै किछुओ

विरहा-आगि करेज जराओल

नभ मे चमकल जखने चंदा

हियामे प्रेमक ज्वारि उठाओल

कोइली सौतिन मुँह दुसै अछि

कू-कू-कुहुकि के होश उड़ाओल

अचके बालम ऐलाह अँगना

"चंदन" सजनी मोन जुड़ाओल



-----वर्ण-१२-------

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों