गजल-२७
सपना नोरक धार बहाओल
जागि-जागि केर राति बिताओल
साज-सिंगार सोहैछ नै किछुओ
विरहा-आगि करेज जराओल
नभ मे चमकल जखने चंदा
हियामे प्रेमक ज्वारि उठाओल
कोइली सौतिन मुँह दुसै अछि
कू-कू-कुहुकि के होश उड़ाओल
अचके बालम ऐलाह अँगना
"चंदन" सजनी मोन जुड़ाओल
-----वर्ण-१२-------
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