शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

गजल



अहाँक रूप देख देख जीवन जी लै छी हम
मदिराएल नैन देख क' कने पी लै छी हम

ओना त' बड बड़बड़ाइत रहै छी सखरो
अहाँक ठोर खुलै यै त' अपन सी लै छी हम

अहाँ मक्खन अहाँक परतर कोना करब
दूर नै भ' जाउँ अहाँ सँ तेँए दही लै छी हम

बात इ अलग जे जमाना कहै प्रेमी हमर
अहाँ त' जानै छी दर्द छोड़ि और की लै छी हम

सब सप्पत अहीँ के नामे अहीँ के नामे साँस
प्राणो छै अहीँ के नामे की ऐ सँ बेसी लै छी हम

नव दिवस मे करू सजनी नवका गप्प यै
"अमित" अहाँ पर एकटा शाइरी लै छी हम

वर्ण-17
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों