बाल गजल
भोरे-भोरे मुर्गा बाजै छै
सोना बौआ के उठाबै छै
नबकी बाछी दूध देतै
तीरो कक्का दूध दूहै छै
माँ देलनि चुसनि भरि
गुटुर-गुटुर पीबै छै
दूये दाँत के हँसै बौआ
आ हपकुनियाँ काटै छै
भरल कठौत पानि मे
बौआ नहाइ छै कूदै छै
पाउडर काजर ठोप्पा
नव कपड़ा चमकै छै
हाथी घोड़ा आ झुनझुना
"अमित" बौआ बजबै छै
वर्ण-9
अमित मिश्र
भोरे-भोरे मुर्गा बाजै छै
सोना बौआ के उठाबै छै
नबकी बाछी दूध देतै
तीरो कक्का दूध दूहै छै
माँ देलनि चुसनि भरि
गुटुर-गुटुर पीबै छै
दूये दाँत के हँसै बौआ
आ हपकुनियाँ काटै छै
भरल कठौत पानि मे
बौआ नहाइ छै कूदै छै
पाउडर काजर ठोप्पा
नव कपड़ा चमकै छै
हाथी घोड़ा आ झुनझुना
"अमित" बौआ बजबै छै
वर्ण-9
अमित मिश्र
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