मोनक बात मोने रहि गेल की कहब
मुस्की डर सँ कोने रहि गेल की कहब
देख नवका जमाना दंग रहि गेलौँ
खाना सब अनोने रहि गेल की कहब
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रूबाइ जहिया करेह कोशी ठामे ठाम उफनतै बान्ह टूटतै3
तहिया बाढ़ि एतै आ सब एक दोसरक मान राखतै
मरबाक ड'रे छोट पैघ सब जुटत एक डिह पर
तहिये हेतै असल भोर संग दाहा आ लवाण करतै
फूलक पराग विष बनल पात बनल तलबार छै
प्रेम पथिक छै बाट बिसरल आ बिसरल संसार छै
जिनगी जहल बनि गेल फाँसी चढ़ेलक भुख पियास
अजब गजब के अगुआ जखन बनल सरकार छै
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