शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

गजल


गजल-२२


हमरा इजोते सँ लगइत अछि आब डर,
चुप भेल तैँ बइसल छी हम अन्हार घर ।


नहि मोन अछि हमरा नाम आ' परिचय,
अनजान छी संसार मे तेँ घुमैत छी निडर ।


तकैत अछि लोक नाम मे पहचान लोक के,
गुण-शीलक आब समाज मे छै कहाँ मोजर ।


संबंध नहि जकरा सँ बनल सैह समांग,
तोड़लक भरोस ओ' भरोसे छलहु जकर ।


"चंदन" जगके रीति ओझराउ नहि जिनगी
सुनू खबरदार ! हरदम रहू बेखबर ।


-----वर्ण-१७-----

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों