पाहुन कने अटकि जाऊ किछु बात करबाक अछि यौ
हमरा कने हाथ मे लेने हाथ कहबाक अछि यौ
जाएब चलि कोन सदिखन रोकब अहाँ रूकबै जे
काजर कने नैन मे अपने लग लगेबाक अछि यौ
श्रृंगार छी हमर सबटा जानम अहाँ जानि लिअ यौ
चुटकी सिनूरक पिया आ टिकुली सटेबाक अछि यौ
परदेश मे जाइ छी कहिया भेँट हेबै अहाँ यौ
जी भरि क' एखन त' नेहक सोना तपेबाक अछि यौ
आँचर सँ बान्हब करेजा मे साटि सब किछु कहब हम
हम हँसब आ "अमित" राजा के बड हँसेबाक अछि यौ
मुस्तफइलुन-फाइलातुन
{2212-2122 दू बेर सब पाँति मे}
बहरे-मुजस्सम वा मुजास
अमित मिश्र
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