शुक्रवार, 2 मार्च 2012

गजल


[अनचिन्हार आखर कए प्रति हमर सोच ]



गजल सँ परिचय करेलक अनचिन्हार आखर ,
गजलक ,अ,आ,इ,ई सिखेलक अनचिन्हार आखर ,

भटकै छलौँ गीत आ कविता मे ओझरा हम कतेक ,
लिखबाक मकसद बतेलक अनचिन्हार आखर ,
साहित्यक रंगबिरही विधा मे एकटा गजलो छैक .
दू पाँति मे बात कहब सिखेलक अनचिन्हार आखर ,
आबि गजलक भंडार मे ,केओ गजल गाब लागत ,
एगो अलगे दुनियाँ बसेलक अनचिन्हार आखर ,
जा धरि लिखब गजले टा लिखबाक कोशिश करब ,
"अमित" कए शायर बनेलक अनचिन्हार आखर .

इ मात्र हम्मर अपन सोच अछि ।
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों