बाल गजल
हम बड पैघ छी तोरा सँ ,
सूगा कहलकै जुनि बाज ,
तोड़िये देबौ लोल रोड़ा सँ ,
गाछी-बिरछी तूँ घुमै छहीँ ,
कारी रूप देख ले ऐना सँ ,
कोइली तुनकि क' बाजल ,
मीठ बाजै छी हम तोरा सँ ,
हम घुमै छी अप्पन मोनेँ ,
बान्हल रहेँ तूँ पिँजरा सँ ,
उठम-बजड़ा , धक्का -मुक्की ,
खूने-खूनाम भेल पैना सँ ,
मोर जी तखन कहलनि ,
नै ल'ड़ तूँ अपने भैया सँ ,
सूगा "अमित" राम गाबै छेँ ,
सीख ले कोइली गबैया सँ . . . । ।
वर्ण- 10
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें