गाम'क हटिया ऊ खजन चिडैया, फेरो छोडि अयलहूँ हम
बाट चौबटिया ऊ साथी सङ्गतिआ, फेरो छोडि अयलहूँ हम
बिन चप्पल चली आरि धूरी, हरवाहा सॉ होरी'क गीत सुनी
बाँझ पडल छल सिनेह'क खेत, फेरो जोति अयलहूँ हम
आस मे फेरो कटत बरख, गाम पोखरि बड्ड यादि पडत
रहत मिठास तैं चासनी मे, मोन फेरो बोरि अयलहूँ हम
ठूठ गाछ भ'रहल जिनगी, मोन'क पात भेल पिअर छल
सजल रहब तैं इआद'क फूल, फेरो लोढि अयलहूँ हम
जीवन सङ्गीत छल बेसुर, ताल मात्रा सभ बहकल छल
मोन बीणा'क छल तार जे टूटल, फेरो जोडि अयलहूँ हम
तन के सोचु की मोन के सुनु, मोस्कील मे केहन जान फसल
नोर'क पानि मे होरी'क रङ्ग, बुझू फेरो घोरि अयलहूँ हम
- मुखपृष्ठ
- अनचिन्हार आखरक परिचय
- गजल शास्त्र आलेख
- हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
- भजनपर गजलक प्रभाव
- अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
- समीक्षा/आलोचना/समालोचना
- गजल सम्मान
- गजलकार परिचय शृखंला
- गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
- विश्व गजलकार परिचय शृखंला
- छंद शास्त्र
- कापीराइट सूचना
- अपने एना अपने मूँह
- गजलक इस्कूल
- गजलकार
- अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
- आन-लाइन मोशायरा
- आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
- मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
- Maithili Ghazal Books Download
- शेर जे सभ दिन शेर रहतै
गुरुवार, 1 मार्च 2012
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें