गजल-५
एक नजरि हुनकर पड़लय जे, हमरा पाँज स ससरल मोन
दू क्षण लै भसियेलई जे से, एखनो धरि नै सम्हरल मोन
कात - करोटे ताकी हुनके, चारु दिश छई पसरल मोन
सखी-बहिनपा में ओझरायल, देख का हुनका पजरल मोन
आंचरि हुनके ताईक रहल, जिनका कन्खी सँ कचरल मोन
सभ कतरा में प्रेमक-पोखरि, सरस ऐना भेल कतरल मोन
मधुरिम आंखि सँ नेह पीब क, नेह-धरा पर चतरल मोन
हुनकर नेहक अचल मेह सँ, स्नेह-लता बनि लतरल मोन
बाट - बाट स्वागत के सेहन्ते, अलकतरा बनि पलरल मोन
स्पर्श पाईब क पैरक हुनकर, मधुर छुअन सँ सिहरल मोन
हुनका अबिते कोयली कुह्कल, बनि क फगुआ मजरल मोन
छोइड़ गेली ओ विरहाक रौदी, जड़ल-पाकल झखड़ल मोन
प्रेमक पोखरि ल छपकुनिया, धिया - पुता सन उमरल मोन
स्वप्न लोक में हरा-भूता क, भूख-प्यास सभ बिसरल मोन
गोह्न्छल-लोह्छल भेल मलीन, कखनो पित्ते अकरल मोन
तैयो भूखल स्नेह - दुलारक, नई दुलार सँ अभरल मोन
मुदा आब त गप्पे दोसर, धन के कोरा नमरल मोन
अई कलयुगिया कारी युग में, भावहीन भ भखरल मोन
सुख-सुविधा सँ नेहक परितर, दुःख-दुविधा सँ हहरल मोन
"नवल" प्रेम केर करुण दशा ई, देख कष्ट सँ कहरल मोन
एक नजरि हुनकर पड़लय जे, हमरा पाँज स ससरल मोन
दू क्षण लै भसियेलई जे से, एखनो धरि नै सम्हरल मोन
कात - करोटे ताकी हुनके, चारु दिश छई पसरल मोन
सखी-बहिनपा में ओझरायल, देख का हुनका पजरल मोन
आंचरि हुनके ताईक रहल, जिनका कन्खी सँ कचरल मोन
सभ कतरा में प्रेमक-पोखरि, सरस ऐना भेल कतरल मोन
मधुरिम आंखि सँ नेह पीब क, नेह-धरा पर चतरल मोन
हुनकर नेहक अचल मेह सँ, स्नेह-लता बनि लतरल मोन
बाट - बाट स्वागत के सेहन्ते, अलकतरा बनि पलरल मोन
स्पर्श पाईब क पैरक हुनकर, मधुर छुअन सँ सिहरल मोन
हुनका अबिते कोयली कुह्कल, बनि क फगुआ मजरल मोन
छोइड़ गेली ओ विरहाक रौदी, जड़ल-पाकल झखड़ल मोन
प्रेमक पोखरि ल छपकुनिया, धिया - पुता सन उमरल मोन
स्वप्न लोक में हरा-भूता क, भूख-प्यास सभ बिसरल मोन
गोह्न्छल-लोह्छल भेल मलीन, कखनो पित्ते अकरल मोन
तैयो भूखल स्नेह - दुलारक, नई दुलार सँ अभरल मोन
मुदा आब त गप्पे दोसर, धन के कोरा नमरल मोन
अई कलयुगिया कारी युग में, भावहीन भ भखरल मोन
सुख-सुविधा सँ नेहक परितर, दुःख-दुविधा सँ हहरल मोन
"नवल" प्रेम केर करुण दशा ई, देख कष्ट सँ कहरल मोन
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