शनिवार, 15 सितंबर 2012

गजल


बाल गजल-49

आइ बौआ चलेँ जंगल घुमै लेए
शेरके राजपर पोथी लिखै लेए

डरक नै बात ओकर मन सजीबक छै

चलब हाथीक साक्षात्कार लै लेए

बाल एखन भविष्यक शेर छेँ बौआ
स्वर्ण आखरसँ इतिहासो रचै लेए

बाटमे छै पहाड़ो पैघ वर्फक रौ
चल तऽ वर्फक अजब खेला करै लेए

बैसले घर अपन जंगल घुमब एखन
बैस जो "अमित" तूँ चंपक पढ़ै लेए

फाइलातुन-मफाईलुन-मफाईलुन
2122-1222-1222
बहरे-मुशाकिल

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों