शनिवार, 8 सितंबर 2012

गजल


होए मोन हरखीत ढोलो सोहाइ 
नै बिनु कारने मीठ बोलो सोहाइ 

प्रियगर भेट नवकी कनियाँ गेलै जँ 
हाथक हुनकर नोनगर ओलो सोहाइ 

जेबीमे जखन भरल रुपैया होइ
तहने महग सस्ताक मोलो  सोहाइ 

सिम्बर तूरकेँ नीक गदगर मसलंग 
सुन्नर ओहिपर आब खोलो सोहाइ 

भरि सन्दूक घर जाहिमे भेटै सोन 
एहन घरक महकैत झोलो सोहाइ 

(बहरे हमीद, २२२१-२२१२-२२२१)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों