गुरुवार, 27 सितंबर 2012

रुबाइ



बाल रुबाई-७
खीरा केर लत्ती लतरल चलि गेल
सभ लत्तीसँ बेशी चतरल चलि गेल
मूड़ी लटकल काते-कात मचानक
काकी अंगना तक नमरल चलि गेल 
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
(तिथि-२१.०९.२०१२)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों