शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

गजल

बाल गजल-48

बाबू पाँच टाका अछि जँ खैनी ठोर तऽर दै लेल
तैयो आनलौँ नै रंग पोथी टास बनबै लेल

हमरा कहब गणितक सूत्र नव तै लेल नै अछि समय
बाँचै लेल खिस्सा बड समय अछि ताश खेलै लेल

लेलौँ अपन कोरा की इयादो अछि कने सोचू तँ
महिसेमे रमै छी नै तँ गेलौँ घास काटै लेल


भानसमे तँ माए ओझरेलै हमर नै छै ध्यान
बाबा स्वर्ग बाबी छै सिमरिया मास मनबै लेल

रोटी दिअ बरू एगो हमर ई रंग नै दिअ आनि
आबू आब बाबू "अमित" संग प्रेम बाँटै लेल

मफऊलातु[ 2221] चारि बेर सब पाँतिमे

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों