:::::::::::::::::गजल::::::::::::::::::
मूँह जावि देलक आब हरियरी देतै ,
इ तानाशाही हमरा स' नै सहल जेतै ,
बेसी तंग केलक आब करब विरोध,
हमर धक्का में पात्त जेना उड़िया जेतै ,
बदला लेव एहन जे राखत ओ मोन,
दोबारा निकट एवाक हिम्मत नै हेतै ,
बेर-बेर पश्चाताप करत नोर बहा-बहा ,
आब तहियो ओकरा पर दया नै हेतै ,
घुमत नव जोगाड़ मे इम्हर -उम्हर,
आब कोनो मूँह जावि लगाव नै देतै .....
वर्ण -१५
अविनाश झा अंशु ......
मूँह जावि देलक आब हरियरी देतै ,
इ तानाशाही हमरा स' नै सहल जेतै ,
बेसी तंग केलक आब करब विरोध,
हमर धक्का में पात्त जेना उड़िया जेतै ,
बदला लेव एहन जे राखत ओ मोन,
दोबारा निकट एवाक हिम्मत नै हेतै ,
बेर-बेर पश्चाताप करत नोर बहा-बहा ,
आब तहियो ओकरा पर दया नै हेतै ,
घुमत नव जोगाड़ मे इम्हर -उम्हर,
आब कोनो मूँह जावि लगाव नै देतै .....
वर्ण -१५
अविनाश झा अंशु ......
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