शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

गजल

बाल गजल-44

बौआ हमर छै कमौआ
कहिया कमाओत चौआ

फैशन बढ़ल बाल मनमे
कपड़ा किनै चमचमौआ

चटनी अचारक अमल नै
खाली दियौ दूध पौआ

जागल लगै फूल सन ओ
सूतल कली बनल बौआ

हिम्मत ककर लेत कोरा
छै वयस जे जल पटौआ

मुस्तफइलुन-फाइलातुन
2212-2122
बहरे-मुजास

अमित मिश्र






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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों