शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

गजल

बाल गजल-47

भूक भूका रहल छै ई भगजोगनी
पाकरिक गाछपर छै जगमग ओढ़नी

लटकि गेलै हमर गुड्डी ऐ गाछपर
दे खसा धीरेसँ गै जाड़न तोड़नी

पेँचमे बड पेँच लड़तै आकाशमे
कटि कऽ खसतै नाचिते जेना मोरनी

आगि लागल रातिमे बड़का बाधमे
पैघ सिरकट्टा छलै वा छल भूतनी

भाइ रै काजर कते पैडर भरल छै
देख ने माएक टीनक मुँहपोछनी

फाइलातुन-फाइलातुन-मुस्तफइलुन
2122-2122-2212
बहरे-जदीद

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों