शनिवार, 22 सितंबर 2012

रुबाइ


बाल रुबाई-२
कौआ बैसल चार पर कुचरै छै माँ
भोरे-भोर सभके ओ जगबै छै माँ
ऐ चारसँ ओए चार तक फुदकि-फुदकि
छै पाहुनक अबैया से कहै छै माँ
       
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
*२२२/२१ (तिथि-१५.०९.२०१२)






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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों