रविवार, 16 सितंबर 2012

गजल

बाल गजल-१४

इसकुल पर जे गेलियै लेट
बन्न छलय इसकुल के गेट

बिक्खसँ हम बस्ता पटकलियै
फटलय बस्ता फूटल सिलेट

बाबू देलन्हि कान - कनएठी
पड़ल गाल पर चारि चमेट

ने जलखय ने भेटल खेनाय
भरि दिन रहलौं भुखले पेट

"नवल" राइतमें माय नुकाकऽ
देलक खीरसँ भरल पिलेट

*आखर-१२ (२५.०८.२०१२)
पंकज चौधरी (नवलश्री)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों