शनिवार, 29 सितंबर 2012

गजल


:::::::::::::::हमर श्रद्धांजलि::::::::::::::

जतेक मिझैब आगि आउर भड़कबे करतै ,
खूनसँ भिजलै धरती मिथिला बनबे करतै ,

लेत प्रेरणा बलिदान सँ  युवा जगबे करतै ,
बाँधि माथ पर कफन आबओ लड़बे करतै ,

सीताक धरती पर अग्नि परिक्षा हेबे करतै ,
धधैक आगिसँ स्वर्ण  मिथिला बहरेबे करतै ,

आँधी जे उठि चुकल अछि आब बढबे करतै ,
क्रान्ति ध्वज सबहक हाथ में फहरेवे करतै ,

देखब तूफानी वेग में विरोधी बहबे करतै ,
विश्वक मानचित्र पर मिथिला सजबे करतै ॥

वर्ण :- १८
अविनाश झा अंशु

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों