:::::::::::::::हमर श्रद्धांजलि::::::::::::::
जतेक मिझैब आगि आउर भड़कबे करतै ,
खूनसँ भिजलै धरती मिथिला बनबे करतै ,
लेत प्रेरणा बलिदान सँ युवा जगबे करतै ,
बाँधि माथ पर कफन आबओ लड़बे करतै ,
सीताक धरती पर अग्नि परिक्षा हेबे करतै ,
धधैक आगिसँ स्वर्ण मिथिला बहरेबे करतै ,
आँधी जे उठि चुकल अछि आब बढबे करतै ,
क्रान्ति ध्वज सबहक हाथ में फहरेवे करतै ,
देखब तूफानी वेग में विरोधी बहबे करतै ,
विश्वक मानचित्र पर मिथिला सजबे करतै ॥
वर्ण :- १८
अविनाश झा अंशु
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