गजल @ कुन्दन कुमार कर्ण
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करब कोना हम अहाँक बयान ये
अहाँ छी खुवासँ बनल पकवान ये
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करब कोना हम अहाँक बयान ये
अहाँ छी खुवासँ बनल पकवान ये
निखरल चेहरापर ठोरक लाली
जेना लागय दिनमें उगल चान ये
तुलना गुलाबसँ करी हम कोनाक
लागय छी नील गगन के समान ये
कोमल कायापर गोर गुलाबी गाल
जाही में अटकिगेल हमर प्राण ये
सिनेहक नजरिसँ अहाँ जे देखलौं
'कुन्दन' भगेल बहुते हरान ये
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सरल वार्णिक बहर
© गजलकार
जेना लागय दिनमें उगल चान ये
तुलना गुलाबसँ करी हम कोनाक
लागय छी नील गगन के समान ये
कोमल कायापर गोर गुलाबी गाल
जाही में अटकिगेल हमर प्राण ये
सिनेहक नजरिसँ अहाँ जे देखलौं
'कुन्दन' भगेल बहुते हरान ये
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सरल वार्णिक बहर
© गजलकार
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