गुरुवार, 27 सितंबर 2012

गजल

गजल-२४

अन्न लए कियो हकन्न कनै छै
कियो कोठिए-कोठी नुका धरै छै

कपड़ा  बिनु  कियो  घूमै नांगट
ककरो  कुकूरो  दुशाला  ओढै छै

लोकसँ बेसी  महल  छै  ककरो
कियो जिनगी बाटे-घाट कटै छै

छै दिनो कऽ कियो डिबिया लेशने
कियो स्वप्नो डाहि इजोत तकै छै

"नवल" कियो टाका बिनु मरलै
आ ककरो स्वीसमे टाका सड़ै छै

*आखर-१२ (तिथि-२५.०८.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों