बाल गजल-55
खीर पूरी खाइ बौआ
सेब लेने जाइ बौआ
छोट सन छै पेट कसमस
नाप लै गोलाइ बौआ
गेन लेने चारि नेना
संग खेलै दाइ बौआ
देख कारी कुकुर घरमे
डरसँ बड चिचियाइ बौआ
बेँग कूदै माँझ आँगन
दाबि मुँह ठिठियाइ बौआ
हँसि नुकेलै दोगमे ओ
खाट तऽर देखाइ बौआ
काज सबटा करत झटपट
आब नै अलसाइ बौआ
फाइलातुन
2122 दू बेर सब पाँतिमे
बहरे-रमल
अमित मिश्र
खीर पूरी खाइ बौआ
सेब लेने जाइ बौआ
छोट सन छै पेट कसमस
नाप लै गोलाइ बौआ
गेन लेने चारि नेना
संग खेलै दाइ बौआ
देख कारी कुकुर घरमे
डरसँ बड चिचियाइ बौआ
बेँग कूदै माँझ आँगन
दाबि मुँह ठिठियाइ बौआ
हँसि नुकेलै दोगमे ओ
खाट तऽर देखाइ बौआ
काज सबटा करत झटपट
आब नै अलसाइ बौआ
फाइलातुन
2122 दू बेर सब पाँतिमे
बहरे-रमल
अमित मिश्र
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