हजल-१
ओ कहती चुपतऽ चुप रहू आ बाजूतऽ भूकैत रहू
काग स्वर सुनु हुनक आ कोयली बनि कूकैत रहू
कपडाक मोटरी माथ पर लेने जाऊ धोबाक लेल
भिनसरसँ लएकऽ राति धरि चूल्हाके धूकैत रहू
किछ पाय जे अनलहुं कमा अहाँ घामसँ नहा-नहा
हुनक श्रृंगारके ओरियान में पाय के बूकैत रहू
जूती पहिड़ने हीलके कने चलती थमि-थमिकऽ ओ
संग हुनक डेगके अहूँ चलैत रहू रूकैत रहू
"नवल" हुनक अनुरोध के आदेश बुझि लिय अहाँ
ओ चलती सीना तानिकऽ अहाँ दास बनि झूकैत रहू
*आखर-२० (तिथि-२४.०८.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
ओ कहती चुपतऽ चुप रहू आ बाजूतऽ भूकैत रहू
काग स्वर सुनु हुनक आ कोयली बनि कूकैत रहू
कपडाक मोटरी माथ पर लेने जाऊ धोबाक लेल
भिनसरसँ लएकऽ राति धरि चूल्हाके धूकैत रहू
किछ पाय जे अनलहुं कमा अहाँ घामसँ नहा-नहा
हुनक श्रृंगारके ओरियान में पाय के बूकैत रहू
जूती पहिड़ने हीलके कने चलती थमि-थमिकऽ ओ
संग हुनक डेगके अहूँ चलैत रहू रूकैत रहू
"नवल" हुनक अनुरोध के आदेश बुझि लिय अहाँ
ओ चलती सीना तानिकऽ अहाँ दास बनि झूकैत रहू
*आखर-२० (तिथि-२४.०८.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
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