हे राम पुछैत छी अहाँ सँ कहू किए दोष हमरा पर लादल गेल
जमीन मे समयलौं हम अपने की जीवीतेमे हमरा गाडल गेल
अहील्या सुखी छलौं पाथर बनी कs ने बेदना ने कोनो संबेदना छल
जमीन मे समयलौं हम अपने की जीवीतेमे हमरा गाडल गेल
अहील्या सुखी छलौं पाथर बनी कs ने बेदना ने कोनो संबेदना छल
उद्धार केलौं किए की अपमान सही कहाँ ओहि दुष्ट के मारल भेल
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर कहू प्रीत मे हमर कोन खोट छलै
बिरह अग्नी मे जरैत रहलौं हम किए प्रीत चिता मे जारल गेल
हे कृष्ण कहैत छलौं सखी हमरा बहीनक हमरा सम्मान भेटल
नोर बनी बहल दर्द हमर जखन पाँच पती सँ बिआहल गेल
हे बालकृष्ण अहि यशोदा के मातृत्वक बदला अहाँ किए अश्रु देलौं
गोकुल छोडि मथुरा गेलौं कहियो हाल पुछब से कहाँ आयल भेल
नारी पर अत्याचारक क्रम सुरुआत तहिए सँ भेल स्वीकार करु
नाक जे काटल सु्र्पणखा के कहू कोन न्याय सीद्धान्तक पालन भेल
इतिहास के अपन ईक्षा सँ सभ अपने तरह सँ लिखैत रहल
निधोक घुमैत अछि अन्यायी कहाँ समाज मे एहन के बारल गेल
हे श्याम सुन्दर हे मुरलीधर कहू प्रीत मे हमर कोन खोट छलै
बिरह अग्नी मे जरैत रहलौं हम किए प्रीत चिता मे जारल गेल
हे कृष्ण कहैत छलौं सखी हमरा बहीनक हमरा सम्मान भेटल
नोर बनी बहल दर्द हमर जखन पाँच पती सँ बिआहल गेल
हे बालकृष्ण अहि यशोदा के मातृत्वक बदला अहाँ किए अश्रु देलौं
गोकुल छोडि मथुरा गेलौं कहियो हाल पुछब से कहाँ आयल भेल
नारी पर अत्याचारक क्रम सुरुआत तहिए सँ भेल स्वीकार करु
नाक जे काटल सु्र्पणखा के कहू कोन न्याय सीद्धान्तक पालन भेल
इतिहास के अपन ईक्षा सँ सभ अपने तरह सँ लिखैत रहल
निधोक घुमैत अछि अन्यायी कहाँ समाज मे एहन के बारल गेल
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