शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

गजल

गजल
बाट जोगैत सँ आंखि पथरायल नै कहियो
प्रेम बिनाक जिनगी सरयायल नै कहियो

अहाँक सुनि के नाम किछु फुरैत नै हमरा
लिखै-पढौक लेल किछु फुरायल नै कहियो

अहाँक आवाज सुनि थरथराबैत छी हम
एहन मीठ बोल कियो सुनायल नै कहियो

देखि के अहाँक ओ मुखड़ा आ ओ सुनर नूर
चोन्हराबैत छै आंखि, बिसुरायल नै कहियो

कहैत अछि उत्पल भाव लs कs ओ प्रेम संग
प्रेम करू वा नै करू, इ नुकायल नै कहियो
(सरल वार्णिक बहर वर्ण -१७)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों