गजल
बाट जोगैत सँ आंखि पथरायल नै कहियो
प्रेम बिनाक जिनगी सरयायल नै कहियो
प्रेम बिनाक जिनगी सरयायल नै कहियो
अहाँक सुनि के नाम किछु फुरैत नै हमरा
लिखै-पढौक लेल किछु फुरायल नै कहियो
अहाँक आवाज सुनि थरथराबैत छी हम
एहन मीठ बोल कियो सुनायल नै कहियो
देखि के अहाँक ओ मुखड़ा आ ओ सुनर नूर
चोन्हराबैत छै आंखि, बिसुरायल नै कहियो
कहैत अछि उत्पल भाव लs कs ओ प्रेम संग
प्रेम करू वा नै करू, इ नुकायल नै कहियो
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