शनिवार, 29 सितंबर 2012

गजल


चार पर सँ खसैत पानि ओरिआनी मे सँ बहैत रहै
ओहि मे जे बच्चा सभहक कागजक नाओ चलैत रहै

माँ खिसिआए कनि जलखै खा ले केओ कहाँ सुनैत छलै
गडै गैंची आ कबै माछ लेल पैनी मे बँसी पथैत रहै

समय नेनपन के एक्को बेर ओह घुमि फेरो अबितै
सँगी बिनु ने दिन कटै बिन बातो केखनो लडैत रहै

आम तोडै सभ नजरि बचा  कखनो मकै के बालि तोडै
पकडि लै त' कान पकडि क' बाबु के आगाँ लबैत रहै

जिनगी के खाता बही मे यादि के हिसाब लिखैत सभ छै
तहिआ ने छलै कोनो चिन्ता निफिकिर सभ घुमैत रहै

बितल बरख दशमी मे गेल छलौं  हम गाम अपन
पोखरि पर  ई बात चलल सपना सन लगैत रहै

(सरल वर्ण २१)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों