मंगलवार, 5 जून 2012

गजल





मरि रहल छै सीता सन बेट्टी दहेजक खेल में
बेट्टी पुतोहू जरी रहल छै किरोसिन तेल में

बेट्टा के बाप बेचीं रहल छै मालजालक मोल में
बेट्टीबाला के घर घरारी सब लागल छै सेल में

कs देलन घर घरारी दुलहा के नाम नामसारी
बनी गेलाह ओ दाता भिखारी बाप बेट्टा के मेल में

फेर दुलहा मोटर आ गाड़ी लेल कटैय खुर्छारी
कनिया संग आबैय ओ ससुरारी चैढ कS रेल में

नै भेटला सं मोटर गाड़ी कनिया के देलक मारि
दहेजक लोभी ओ बाप बेट्टा चकी पिसैय जेल में

------------वर्ण-१९-----------
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों