बुधवार, 16 मई 2012

गजलकार परिचय शृखंला भाग-8


विभूति आनंद (जन्म-4/10/1955 )

हिनक गजल संग्रह " उठा रहल घोघ तिमिर " ( प्रकाशक-भारती संस्थान (पटना) ) बर्ख JUNE 1981मे आएल। आ ई मैथिलीक पहिल गजल संग्रह बनल। हिनक संबंधमे मैथिली गजलक पहिल पूर्णकालिक आलोचक आ समीक्षक श्री ओम प्रकाश जी कहै छथि.................. " हमरा हिसाबेँ काफियाक दोख पृष्ठ बीस, बाईस, चौबीस, पचीस, अट्ठाईस, उनतीस(संयुक्ताक्षर काफियाक नियमक दोख), बत्तीस आ सैंतीस मे सेहो अछि। एकर सबहक विस्तृत वर्णन देब हम अपेक्षित नै बूझि रहल छी, कियाक तँ इ हमर उद्देश्य कथमपि नै अछि। गजल संग्रहक सब गजलक विषय-वस्तु नीक अछि आ गजलकार अपन भावना नीक जकाँ प्रकट केने छथि।
किछु गजलक काफिया आ रदीफक दोख जँ कात कऽ कऽ देखी, तँ इ गजल-संग्रह एकटा नीक गजल-संग्रह अछि। गजलकारक गजल कहबाक क्षमता सेहो नीक बुझाईत अछि। हमरा ई अचरज लागि रहल अछि जे ऐ संग्रहक बाद गजलकारक दोसर गजल-संग्रह किया नै आएल अछि। एकर कारण तँ गजलकारे केँ पता हेतैन्हि, मुदा अपन अनुभवक आधार पर हम कहऽ चाहै छी जे श्री विभूति आनन्द नीक गजल लिख सकैत छथि। जँ बहरक विचार नै करी, तँ २०१२ मे आएल श्री अरविन्द ठाकुरजीक गजल-संग्रह सँ करीब एकतीस बर्ख पहिने १९८१ मे लिखल गेल एहि संग्रहक गजल सब उम्दा कहल जा सकैत अछि। एकर कारण इ जे एहि संग्रहक गजल सब मे काफियाक नियम-पालनक प्रतिशत वर्तमान समयक संग्रह सब सँ बेसी अछि। कथ्यक मजबूती सेहो नीक कोटिक अछि। खाली कुहरल तुकमिलानी केने गजल नै कहल जा सकैत अछि, इ गप एहि संग्रह केँ पढलाक बाद एखुनका गजलकार सभ केँ सेहो बुझेतन्हि, इ आशा अछि। इहो एकटा अचरजक विषय अछि जे जखन मैथिली मे नीक गजल एतेक साल पहिनो कहल गेल छल, तखन एकर बाद गजलक विकास-यात्रा पचीस-तीस बर्ख धरि कतऽ आ किया ठमकि गेल। बीचक अवधि मे मैथिली गजलक विकासक धार मे बान्ह किया बनि गेल छल, इ विचारणीय गप अछि। ओना आब इ बान्ह टूटि रहल अछि आ आशाक नब जोति मे मैथिली गजलक घोघ उठि रहल अछि। "


श्री आनंद जीक अन्य विवरण एना अछि-----------


जन्म: शिवनगर, मधुबनी, बिहार। चर्चित कवि, कथाकार, संपादक । प्रकाशित कृति टूटा उपन्यास टूटा समीक्षा, तीन टा कथा संग्रह, टूटा गीत-गजल संग्रह ओ चारिटा कथा-संग्रह प्रकाशित।२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)मैथिली लेल साहित्य अकादमी पुरस्कार ।

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